आपने ट्रेन में कई बार यात्रा की होगी और कई रेलवे स्टेशन के नाम भी लिखे देखे होंगे। इन्हे देख कर आपके दिमाग में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि रेलवे स्टेशन के नाम पीले रंग के बोर्ड पर ही लिखे जाते हैं। तो क्या आपने कभी सोचा कि भला ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।

दरअसल, पीला रंग धुप से जुड़ा है। यह आनंद, खुशी, बुद्धि और ऊर्जा से जुड़ा है। मनोवैज्ञानिक कारण और वास्तुशिप की वजह से भी इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

पीले रंग का बैकग्राउंड भीड़ भरे वातावरण में सबसे अच्छा दिखाई देता है, वास्तुशिल्प और मनोवैज्ञानिक कारकों के लिए पीले रंग का उपयोग किया जाता है।

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पीले रंग के बैकग्राउंड पर काले रंग की लिखाई सबसे ज़्यादा प्रभावशाली होती है। इसलिए जब ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने वाली होती है तभी दूर से ही स्टेशन का नाम दिख जाता है। इस से यात्रियों को उतरने का समय मिल जाता है।

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वहीँ लाल रंग अग्नि और रक्त का रंग है, इसलिए यह ऊर्जा, युद्ध, खतरे, शक्ति,दृढ़ संकल्प के साथ-साथ जुनून, इच्छा और प्रेम से जुड़ा है। लाल अक्सर चेतावनी के संकेतों के लिए उपयोग किया जाता है, क्योंकि लाल चेतावनी, खतरे का संकेत देता है।

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