राजा महाराजा आखिर क्यों करते थे एक से अधिक शादियां, जानें चौका देने वाले 4 कारण
हम आज 21 सदी में जी रहे हैं। यहाँ एक शादी कर के लोग अब दूसरी शादी करने के बारे में सोचते तक नहीं है। क्योकिं आज के महंगाई के जमाने में किसी के का खर्च उठा लेना ही काफी है। वहीं अगर आप किसी को एक से अधिक शादी करने को कहेंगे तो उसका जवाब होगा कि भाई यहाँ एक नहीं सम्भल रही और तुम 2 शादी की बात कर रहे हो।
लेकिन पुराने ज़माने में राजा महाराजा एक से अधिक शादियां भी कर लेते थे। लेकिन आखिर ऐसा क्या कारण था कि राजा महाराजा एक से ज्यादा शादियाँ किया करते थे, क्या आज के ज़माने की तरह उन्हें अपनी पत्नियों से डर नहीं लगता था। आइये जानते हैं उसके कई कारण
1. सबसे बड़ा कारण यह है कि राजा महाराजा हमेशा किसी राज्य या कुनबे के मुखिया होते थे तो उनके लिए आर्थिक तौर पर कई शादियाँ कर लेना कोई बात नहीं थी। वे एक से ज्यादा शादियां कर के भी सभी के खर्चे वहन करने में सक्षम थे।
2. राजा महाराजा राज्य के सबसे बड़े पद पर होने के नाते उन्हें राज्य जो भी लड़कियां पसंद आती थी उन्हें वे शादी का प्रस्ताव दे देते थे। क्योकि वे राजा होते थे तो उन्हें किसी का भय नहीं रहता था कि कोई क्या कहेगा। लड़की शादी नहीं भी करना चाहती हो तो भी जबरन किसी को भी अपनी पत्नी बना लेते थे।
3. तीसरा सबसे बड़ा कारण था कि उस समय में महिलाओं का अपने अधिकार के लिए जागरूक न होना। उस समय महिलाये अपने अधिकारों से वंचित रहती थी। महिलाओं को ऐसा अधिकार ही नहीं दिया जाता था वो शादी के ऐसे प्रस्तावों के खिलाफ जा सके।
4. पुराने समय में राजा महाराजाओं की एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा रहती थी। वे ये देखते थे कि कौन कितनी शादी करता है और उनकी कितनी सूंदर रानियाँ होती हैं। यही कारण था कि धौंस जमाने के लिए भी राजा बहु विवाह किया करते थे।