हम सभी भारतीय करंसी पर महात्मा गांधी की तस्वीर देखते हैं और ये सवाल जरूर दिमाग में आता है कि आखिर नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर क्यों है? इसी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

गांधी जी का जन्म सन् 1989 में 2 अक्टूबर को हुआ था। उन्होंने लंदन से वकालत की पढ़ाई की और दक्षिण अफ्रीका में बतौर वकील उन्होंने काम भी किया। भारत को आजादी दिलाने की जंग में उनका सबसे अहम योगदान था। इसलिए आज भी उन्हें देश में काफी सम्मान प्राप्त है।

साल 1930 में अंग्रेजों द्वारा नमक पर टैक्स के खिलाफ़ महात्मा गांधी ने 430 कि.मी का ढांडी मार्च निकाला था। उनकी कोशिशें रंग लाइ और 1947 में देश को आजादी मिली। इसके कई साल बाद सन् 1987 में नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर को भारतीय मुद्रा पर एक वॉटरमार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता था और सन 1996 ने गांधी जी की तस्वीर ने भारतीय नोटों पर जगह बना ली।

वे राष्ट्र का एक चेहरा थे और वे केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में मशहूर थे।तभी से महात्मा गांधी की तस्वीर को भारतीय नोटों पर छापा जाने लगा।

आजादी की जंग में भाग लेने वाले अन्य सेनानियों को एक ट्रिब्यूट के रूप में भी उनकी तस्वीर इंडियन करंसी पर छापी गई। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने गांधी जी की तस्वीर के स्थान पर किसी भी अन्य व्यक्ति की तस्वीर को नोटों पर ना छापने का निर्णय लिया है।

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