भारतीय नोटों जैसे 1 रुपये से लेकर 2,000 रुपये तक की करेंसी नोट की अपनी पहचान, खासियत और कीमत होती है। आपने नोटों पर ये लिखा देखा होगा कि ‘मैं धारक को …. रुपये अदा करने का वचन देता हूँ’ इस लाइन में खाली जगह पर उतने रुपये लिखे होते हैं जितने का वो नोट है।


लेकिन नोटों पर ये क्यों लिखा होता है और इसका क्या मतलब होता है? इसी के बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं कि इसका क्या अर्थ होता है।
भारत में नोटो की छपाई, डिस्ट्रीब्युशन और प्रबंधन का काम केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिज़र्व बैंक करता है बस एक रुपए का नोट आरबीआई नही छापता है। इस पर वित्तीय सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। वर्तमान में वित्तीय सचिव अजय भूषण पांडेय हैं।

‘मैं धारक को… ‘ क्यों लिखा होता है?

1. करेंसी नोट पर इसे लिखने से देश में इस करेंसी को लेकर लोगों में विश्वास पैदा होता है कि इतने रुपए वो खर्च कर सकते हैं।

2. यह एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है। इसका अर्थ है कि ये नोट मान्य है और जिसके पास ये नोट है नियमानुसार इस नोट को अपने पास रखने में कोई कानूनी जोख़िम नहीं है।

3. नोटों पर लिखा जाने वाला यह ‘प्रॉमिसरी नोट’ आरबीआई की ओर से ये एक वादा है कि व्यक्ति को इतनी रकम का नोट देने के लिए बैंक बाध्य है।

4. अगर किसी करेंसी नोट पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ यह प्रॉमिसरी नोट नहीं लिखा होता है, तो कोई भी देशी/विदेशी व्यक्ति इस करेंसी नोट को स्वीकर करने में संकोच करेगा।

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