राजस्थान, यूपी और मध्यप्रदेश में बिजली गिरने से 60 के करीब लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों मवेशी भी इसकी चपेट में आ गए हैं। आइए जानते हैं क्यों गिरती है बिजली और इससे किस तरह से बचा जा सकता है।

बरसात के मौसम में कई बार बिजली चमकती है और जमीन पर गिरती भी है लेकिन यह हमेशा नुकसानदेह नहीं होती। कुछ लोग इसकी चपेट में आने पर घायल हो जाते हैं वहीं कुछ को जान से हाथ धोना पड़ता है। आकाशीय बिजली अधिकतर बारिश के मौसम में गिरती है। बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक में होने पर इसकी चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है।

क्यों गिरती है बिजली : दरअसल बादलों के अंदर गर्म हवा के कण ऊपर बढ़ना चाहते हैं। तब वे ठंडी हवाओं के क्रिस्टल से टकराते हैं और इससे बिजली की चमक पैदा होती है। बादलों के बीच की टकराहट काफी तेज होती है और इससे पैदा होने वाली बिजली सूर्य की सतह से तीन गुना गर्म होती है। इसी कारण से गड़गड़ाहट भी सुनाई देती है। तेज आवाज और बिजली की चमक के साथ तेज बारिश भी होती है।

आकाशीय बिजली घरती पर पहुंचने पर ऐसे माध्यम को तलाशता है जहां से वह गुजर सके। अगर ये बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह बिजली के लिए एक कंडक्टर के समान का करता है और उस दौरान अगर कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। बिजली मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।

  • ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं।
  • किसी खुले स्थान में हैं तो तुरंत पक्के मकान में चले जाएं।
  • मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो सावधान, यह जानलेवा साबित हो सकता है।
  • कार आदि वाहन में है तो उसी में ही रहें लेकिन बाइक से दूर हो जाएं क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं।
  • लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो बिलकुल नहीं जाएं।
  • घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि इलेक्ट्रिक उपकरणों को तुरंत बंद कर दें।
  • तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं ग्रुप में न खड़े हों बल्कि दूर-दूर खड़े हों ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार न हो।

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