हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि का पालक माना गया है। बता दें कि भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक अवतार है भगवान श्रीकृष्ण। कर्मयोग का ज्ञान देने वाले भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया।

दोस्तों, श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम जग जाहिर है। श्रीकृष्ण की राधा और गोपियों संग रासलीला की कथा से हर कोई वाकिफ है। लेकिन हैरान तब होती है, जब अपनी परम मित्र और प्रिया राधा से श्रीकृष्ण ने विवाह नहीं किया। हर किसी के मन में यह गूढ़ बात जाने की उत्कंठा रहती है।

- बता दें कि श्रीकृष्ण राधा से 10 साल की उम्र में मिले थे। उसके बाद वह कभी वृंदावन लौटे ही नहीं। इसके अलावा कहीं यह जिक्र भी नहीं मिलता है कि राधा ने कभी द्वारका की यात्रा की हो।

- एक मत यह भी है कि श्रीकृष्ण यह मानते थे कि राधा का जीवन महलों के उपयुक्त नहीं है। राधा एक ग्वाला थीं, जबकि श्रीकृष्ण को लोग किसी राजकुमारी से विवाह करते हुए देखना चाहते थे।

- एक प्रचलित व्याख्या के अनुसार, जब राधा ने एक बार भगवान ​श्रीकृष्ण से पूछा कि वह उनसे विवाह क्यों नहीं करना चाहते हैं तो भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि कोई अपनी ही आत्मा से विवाह कैसे कर सकता है।

- एक मत है कि राधा और श्रीकृष्ण के बीच भक्त और भगवान का रिश्ता है, ऐसे में इनके बीच विवाह का सवाल पैदा ही नहीं होता है। बता दें कि राधा के मन में श्रीकृष्ण के प्रति अटूट भक्ति और श्रद्धा थी। राधा का श्रीकृष्ण से अलग अस्तित्व नहीं है।

- कुछ लोग कहते हैं कि राधा और श्रीकृष्ण की समाजिक पृष्ठभूमि उनके विवाह की अनुमति नहीं देती थी।

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