भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को 'जन्माष्टमी' के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। उनका जन्म भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस साल जन्माष्टमी का त्यौहार 2 सितम्बर को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी से एक दिन पहले नवजात बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु के लिए छठ पूजा का आयोजन किया जाता है।

आपको बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण वासुदेव और देवकी की आंठवी संतान थे। वासुदेव और देवी दोनों को कंस ने जेल में बंद किया हुआ था। जब कृष्ण जी जन्म हुआ तो उन्हें वासुदेव ने अपनी बेटी नंदा से बदल दिया जिसका जन्म भी उसी दिन हुआ था। वासुदेव ने अपने बेटे कृष्ण की कंस से रक्षा करने के लिए ऐसा किया था। इसके बाद वासुदेव ने कृष्ण को जेल से बाहर निकाल दिया।

इसके बाद कंस ने राक्षसी पूतना को हर उस बच्चे को मारने के लिए भेज दिया जिसका जन्म 6 दिन पहले हुआ था लेकिन श्रीकृष्ण ने पूतना का वध कर दिया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के पहले जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले छठ पूजा का आयोजन किया गया। तभी से जन्माष्टमी के एक दिन पहले इस पूजा का आयोजन किया जाता है। इस पूजा में उन सभी नवजात बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना की जाती है जिनका जन्म 6 दिन पहले हुआ है।

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