कटरीना से लेकर नीलोफर, आखिर कौन रखता है तूफानों के नाम, जानिए
आए दिन हम अलग अलग तूफानों के बारे में सुनते रहते हैं और इनके नाम भी बेहद अलग होते हैं। किसी तूफान का नाम तितली तो किसी का वायु तो किसी तूफान का नाम कटरीना, क्या आपने कभी सोचा कि इन तूफानों के नाम कौन रखता है? आज हम आपको ये ही बताने जा रहे हैं।
क्या होता है चक्रवात?
जब हवाएं बहुत तेज गति से घूमती है तो काफी तबाही मचाती है और इसे ‘चक्रवात’ कहां जाता है। चक्रवात के अलावा आपने ‘हरिकेन’ व ‘टायफून’ जैसे नाम भी सुने होंगे। अलग अलग क्षेत्रों में चक्रवात के नाम भी अलग अलग है। जैसे हिंद महासागर में उठे तूफानों को ‘चक्रवात’, अटलांटिक महासागर में उठे तूफान को ‘हरिकेन’ व प्रशांत महासागर में उठे तूफान को ‘टायफून’ के नाम से जाना जाता है। जब हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होती है तो ये चक्रवात की श्रेणी में आते हैं।
क्यों दिया जाता है नाम?
एक समय था जब तूफानों के नाम साल के हिसाब से रखे जाते थे लेकिन यदि एक साल में एक से अधिक तूफान आ जाएं तो लोगों में भ्रम की स्थिति बन जाती थी। इसलिए तूफानों को नाम देने की प्रथा शुरू की गई। इसकी शुरुआत अटलांटिक महासागर में उठे ‘हरिकेन’ से की गई। जिस तूफान में हवा 39 मील/घंटा से अधिक गति पर चलती थी उसे ही नाम दिया जाता था।
महिलाओं के नाम
1953 के दौरान अमेरिका में तूफानों का नाम A से W के अल्फाबेट की महिलाओं के नाम रखता था। विरोध किया जाने के बाद 1978 में पुरुषों के नाम भी इस से रखे जाने लगे। साल के पहले तूफान को ‘A’ से दूसरे को ‘B’ इस तरह क्रमानुसार नाम दिया जाता था।
चक्रवातों को अब दिया जाने लगा है नाम
भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, ओमान, मालदीव्स और थाईलैंड इन आठ देशों कुछ नामों की लिस्ट बनाई थी और अब आने वाले तूफानों का नाम उसी आधार पर रखा जाता है।
‘तितली’ व ‘नीलोफर’ नाम पाकिस्तान द्वारा दिए गए तूफानों के नाम हैं। जबकि भारत ने ‘अग्नि’, ‘आकाश’, ‘जल’ व ‘वायु’ जैसे तूफानों के नाम दिए हैं। अगले तूफान का नाम ‘लुबान’ होगा, जो ओमान ने दिया है।
नाम होते हैं रिटायर
जब किसी तूफान से भारी तबाही होती है तो उस नाम का इस्तेमाल आने वाले 10 सालों तक नहीं किया जाता है।ऐसा मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया जाता है। 1972 से अब तक करीबन 50 नाम रिटायर हो चुके हैं।