तालिबान ने सोमवार को कहा कि 20 साल से जो युद्ध चला आ रहा था, वो अब खत्‍म हो चुका है। काबुल में राष्‍ट्रपति महल पर तालिबान ने कब्ज़ा कर लिया है और अब अपनी जीत का भी ऐलान कर दिया है। अब अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेना बाहर हो चुकी है और तालिबान का कब्ज़ा हो गया है। इस बात को लेकर भी चर्चा तेज है कि तालिबान में से कौन सरकार बनाएगा। माना जा रहा है कि संगठन का मुखिया मुल्‍ला अब्‍दुल घनी बरादर इस देश का अगला राष्‍ट्रपति हो सकता है। आज हम आपको उसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

साल 2010 में हुआ था गिरफ्तार
बरादर का जन्म उरुजगान प्रांत में 1968 में हुआ था। उसे ही तालिबान का को-फाउंडर कहा जाता है। हैबतुल्लाह अखुंदजादा के बाद तालिबान में बरादर दूसरे नंबर का नेता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 2010 में बरादर को आईएसआई ने कराची से गिरफ्तार कर लिया था। अमेरिका के अनुरोध पर उसे 2018 में रिहा कर दिया गया।


कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार काबुल पर कब्जे के बाद एक वीडियो मेसेज में तालिबानी नेता ने कहा कि तालिबानी समूह की असली परीक्षा अब शुरू होगी क्योंकि उन्हें देश के लोगों की सेवा करनी है। बरादर ने साल 1980 में सोवियत सेना के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन में लड़ाई लड़ी थी। साल 1992 में रूस के बाहर निकलने के बाद प्रतिद्वंद्वी सरदारों के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया था।

रिश्‍तेदारों के साथ मिल कर बनाया तालिबान
मोहम्मद उमर और बरादन ने 1994 में तालिबान की स्थापना की थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सपोर्ट के कारण तालिबान ने साल 1996 में एक के बाद एक प्रांतीय राजधानियों पर कब्ज़ा किया। मुल्ला उमर के बाद दूसरे नंबर का तालिबान नेता बरादर, अपनी रणनीति के लिए जाना जाता है।

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