रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था। रावण में अनेक गुण भी थे। उसे सभी वेदों और उपनिषदों का ज्ञान था और वह एक प्रकांड पंडित था।

लेकिन अपनी राक्षस प्रवृति के कारण राम ने उसका वध किया। जब भगवान राम ने उसका वध किया तो मरने से पहले उसने लक्ष्‍मण को कुछ बातें कही थी जो बेहद ही सटीक है। अगर आप आज भी इन बातों को अपनाते हैं तो जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

1. रावण ने कहा था कि अपने सारथी, दरबान, खानसामे और भाई से दुश्मनी मोल मत लीजिए क्योकिं ये आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

2. खुद को हमेशा विजेता मानने की गलती मत कीजिए, चाहे आप हर बार जीते ही क्यों ना हो।

3. रावण के अनुसार सभी को मंत्री या साथी पर भरोसा करना चाहिए जो उनकी आलोचना करते हों।

4. अपने दुश्मन को कभी कमजोर या छोटा मत समझिए, जैसा कि हनुमान के मामले में भूल हूई।

5. अपने मन में आप ये चीज मत रखिए कि आप अपनी किस्मत को हरा सकते हैं। आपके भाग्य में जो लिखा होगा उसे तो भोगना ही पड़ेगा।

6. जो राजा जीतना चाहता है, उसे लालच से दूर रहना सीखना होगा, वर्ना जीत मुमकिन नहीं।

7. राजा को बिना टाल-मटोल किए दूसरों की भलाई करने के लिए मिलने वाले छोटे से छोटे मौके को हाथ से नहीं निकलने देना चाहिए।

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