ब्यूटी रूटीन को फॉलो करना एक आम बात है। आमतौर पर वैक्स कराना एक महिला की ब्यूटी रूटीन का अहम हिस्सा होता है। यह उन महिलाओं के लिए जरूरी है जो स्लीवलेस पहनती हैं। वैक्सिंग से महिलाएं सहज और आत्मविश्वासी महसूस करती हैं, यही वजह है कि ज्यादातर महिलाएं अपने अंडरआर्म्स को वैक्स करवाती हैं।

वैक्सिंग स्वयं की देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन कई बार ऐसा करना हानिकारक साबित हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि किन परिस्थितियों में अंडर आर्म्स वैक्सिंग से बचना जरूरी हो जाता है।

अंडरआर्म्स में पसीना और खुजली होने पर वैक्स न करें: अगर अंडरआर्म्स में खुजली हो या पसीना आ रहा हो तो वैक्सिंग से बचना बेहतर है। ऐसे में वैक्सिंग कराने से खुजली की समस्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही इससे ब्लीडिंग भी हो सकती है।

गर्भावस्था में वैक्सिंग से बचें: गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। वहीं, अंडरआर्म्स की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। इसलिए अंडरआर्म्स की वैक्सिंग से न सिर्फ ज्यादा दर्द होता है बल्कि अंडरआर्म्स में सूजन की भी आशंका रहती है। इसलिए बेहतर होगा कि प्रेग्नेंसी के तीन महीने तक वैक्सिंग की जगह कोई दूसरा विकल्प अपनाएं।

बालों की ग्रोथ का रखें ख्याल: कई बार हम रेजर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगली बार जब आप वैक्सिंग के लिए जाती हैं तो छोटे बाल पूरी तरह से स्ट्रिप में नहीं आते हैं और अंडरआर्म्स साफ नहीं होते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि बालों की सही ग्रोथ होने पर वैक्सिंग करवाएं। इनग्रोन हेयर्स में वैक्सिंग से बचना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान बचें: मासिक धर्म आपकी त्वचा को अतिरिक्त संवेदनशील बनाता है। इसलिए रैशेज या खुजली जैसी समस्याओं से बचने के लिए आपको उन दिनों को नहीं चुनना चाहिए और फिर अपनी वैक्सिंग करवा सकते हैं।

जब आप विशेष दवा ले रहे हों तो अंडरआर्म वैक्सिंग से बचें: यदि आप किसी भी प्रकार की विशेष दवाएं जैसे हार्मोनल दवाएं, जन्म नियंत्रण, एंटीबायोटिक्स, या कोई अन्य मौखिक मुँहासे दवाएं ले रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से बात करें क्योंकि ये सभी दवाएं आपके वैक्सिंग को और अधिक दर्दनाक बना सकती हैं।

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