फांसी देने से पहले जल्लाद कैदी के कान में क्या बोलता है, जानिए सही जवाब
कई मुल्जिमों को उनके गुनाह के लिए फांसी की सजा दी जाती है। फांसी की सजा का नाम सुनते ही गुनहगार थर थर कांपने लगते हैं। फांसी की सजा देने से पहले कई नियम कानून को फॉलो करना होता है।
फांसी सजा देने के बाद जज अपनी पेन की निब को तोड़ देता है। हर मुल्जिम को फांसी की सजा देने के बाद जज अपनी निब तोड़ता है इसका मतलब होता है कि जिंदगी का खात्मा हो चूका है। इसी तरह फांसी देने से पहले का एक नियम ये भी है कि फांसी सूर्योदय से पूर्व ही दी जाती है। फांसी देने के नियम में फांसी देने का फंदा, समय एवं स्थान सुनिश्चित रहता है।
फांसी देते वक्त जेल अधीक्षक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जल्लाद और डॉक्टर मौजूद रहते हैं। लेकिन इन सब में मुश्किल काम जल्लाद का होता है। जल्लाद फांसी देने से पहले कैदी के कान में कुछ बोलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैदी के कान में जल्लाद क्या बोलता है?
जल्लाद कैदी के कान में बोलता है कि “हिंदूओं को राम राम और मुस्लिमों को सलाम। मै अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं। मैं आपके सत्य के राह पे चलने की कामना करता हूं”। इसके बाद वह लिवर खींच कर वह मुल्जिम को फांसी की सजा दे देता है।