भारत में सोना लोगों के लिए निवेश के सबसे पसंदीदा तरीकों में से एक रहा है। लोग हमेशा ही सोने में दिल खोल कर इन्वेस्ट करते हैं और इसका कारण ये कि सोना हमेशा अच्छा रिटर्न देता है। इसके अलावा शादियों और त्योहारों के समय में भी सोने की मांग बढ़ जाती है।


पेट्रोल-डीजल को छोड़ दिया जाए तो देश में गोल्ड ऐसी कमोडिटी है, जिसकी कीमतों पर सबकी नजर रहती है। सोने के भाव रोजाना जारी होते हैं लेकिन ज्वैलरी की अलग-अलग दुकानों पर सोने की कीमतों में काफी अंतर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर सोने के भाव अलग अलग दुकानों पर अलग अलग क्यों होते हैं?

एसोसिएशन की भूमिका

बुलियन मर्चेंट्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की ओर से हर दिन गोल्ड की कीमत तय की जाजी है लेकिन ज्वेलरी की दुकान वाले इस कीमत को मानाने के लिए बाध्य नहीं होते हैं। तय की गई कीमतों को मानना अनिवार्य नहीं है और ज्वेलरी दुकानें अपने हिसाब से कीमत तय कर सकती है।

अलग अलग दुकानों की कीमत में अंतर होने का यही कारण है। इसके अलावा सोने के मेकिंग चार्जेस भी अलग अलग दुकानों पर अलग अलग होते हैं।

कई आउटलेट्स एसोसिएशन द्वारा तय की गई कीमतों को मानते भी हैं इसलिए दुकानों पर वे अपने हिसाब से कीमत रखते हैं और उनकी कीमतें अलग और ज्यादा होती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस पूरे कारोबार में कोई निश्चित नियम नहीं है।

कैसे तय की जाती है सोने की कीमत

सोने की कीमतें डिमांड और सप्लाई, रुपये और डॉलर का एक्सचेंज रेट, महंगाई, ग्लोबल मार्केट में गोल्ड की कीमत, इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी वगैरह शामिल हैं। जीएसटी और दूसरे स्थानीय टैक्स राज्यों के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।

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