आखिर क्यों कई बार हम सपने में हिल डुल नहीं पाते हैं, ये कोई प्रेत है या कुछ और..
कई बार ऐसा होता है कि हम कोई भयानक सपना देखते हैं और उस दौरान हम अपने हाथ पैर को हिला डुला नहीं पाते हैं और ना ही मुँह से कुछ बोल पाते हैं। कई बार उठने के बाद भी हम कोई प्रक्रिया नहीं कर पाते हैं। हम अपने आपको मूव करने की भी कोशिश करते हैं लेकिन फिर भी मूव नहीं कर पाते हैं।
हम खुद को संभालने की बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन काफी देर तक झटपटाते रहने के बाद भी आप बेड से उठ नहें आते, जिस से हमारे दिल में ये खयाल भी आता है कि हम कहीं जीवन भर तो ऐसे नहीं रहेंगे। दरअसल इस वक्त हमारा मस्तिष्क काम नहीं कर रहा होता है और कोई भी संकेत लेना बंद कर देता है।
इस स्थिति को स्लीप पैरालिसिस कहते हैं। क्योंकि यह समय कुछ ऐसा होता है जब आप पूरी तरह अपने शरीर पर नियंत्रण को खो देते हैं। भयानक सपने के कारण हमारा दिमाग उस सपने को सच मानने लगता है और काम करना बंद कर देता है।
प्रेत जैसी अवधारणाएं
कभी कभी स्लीप पैरालिसिस के कारण ऐसा भी लगता है कि कोई अनजान व्यक्ति हमारे कमरे में घुस आया है और हमें नुकसान पहुंचाने वाला है। बहुत से लोग इसे प्रेत आत्मा का दबाव कहते हैं। बहुत लोग मानते हैं कि उस दौरान प्रेत हमारी छाती पर बैठा होता है और हमें लकवा ग्रस्त कर देता है।
स्लीप पैरालिसिस के दौरा शरीर किसी विशेष स्वप्न में खोया हुआ होता है। ऐसे में जब आपका मस्तिष्क तो पूरी तरह अचेत होता है, परंतु आपकी आंखें खुल जाती हैं।
क्या ये स्थिति जानलेवा है
अभी तक के रिकॉर्ड और वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में यह बात साबित हुई है कि कोई भी व्यक्ति स्लीप पैरालिसिस की वजह से ना तो घायल हुआ है ना ही किसी की मौत हुई है। आपको समझना चाहिए कि ये कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक अवस्था है। ये स्लीप पैटर्न में असंतुलन की वजह से होती है। आपके सोने का तरीका इसके लिए काफी मायने रखता है। यदि आप ठीक तरह से सोते हैं तो आप खुद ही स्लीप पैरालिसिस से बचे रह सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार पीठ के बल सोना, सबसे उत्तम तरीका है।