वास्तुशास्त्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है और वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा का घर का मुख्य द्वार शुभ नहीं माना जाता। और दक्षिण दिशा में घर के मुख्य द्वार पर संकट का द्वार भी कहा जाता है जबकि पूर्व दिशा को समृद्धि का द्वार कहा जाता है। इसी वजह से लोग ज्यादा पैसे देकर भी पूर्व दिशा की ओर मुख वाला मकान खरीदना पसंद करते हैं और दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार वाला घर लोग कम कीमत पर भी लेना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन कई बार इसकी थी ऐसी भी आ जाती है कि हमें घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में ही करना पड़ता है इसके अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं होता है यदि आपके साथ भी ऐसे ही स्थिति है तो आप दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार रख सकते हैं लेकिन परेशानियों से बचने के लिए आपको कुछ वास्तु शास्त्र के अनुसार उपाय अपनाने होंगे आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं इन वास्तु उपायों के बारे में -


* दक्षिण दिशा के मुख्य द्वार के ठीक सामने लगाए शीशा :

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण मुख्य द्वार के ठीक सामने एक बड़ा दर्पण इस प्रकार लगाएं कि जिस में घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दिखाई दे इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दर्पण से टकराकर वापस चली जाती है।


* लगाए हनुमान जी की तस्वीर :

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा वाले मुख्य द्वार के घर में द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर लगाकर भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तु दोष दूर किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आप मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड भी लगवा कर इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं।


* गंदे पानी की निकासी पर दे पूरा ध्यान :

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा वाले घर का निर्माण वास्तु के इन नियमों का पालन करके बनाया जाए तो घर में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे घरों में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में नहीं हो पा रही हो तो ऐसी स्थिति में ऐसे घरों में कंपाउंड वॉल के साथ प्लाट के पूर्व ईशान से एक नाली बना कर पूर्व आग्नेय कोण की ओर बाहर निकाले।

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