वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे उत्तर दिशा में शौचालय निर्माण की। उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर हैं। घर की उत्तर दिशा में शौचालय का निर्माण निश्चित रूप से हानिकारक होता है। इससे मनुष्य का केंद्रीय घनत्व बिखर जाता है। स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता में कमी भी आती है। जीवन स्वच्छ और मुक्त नहीं रहता।


इसके अलावा इस दिशा में टॉयलेट बनाने से प्राप्त धन का सदुपयोग करने में समस्या आती है और घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार होता रहता है। कान में संक्रमण हो सकता है। भय से उत्पन्न होने वाले रोग मनुष्य को घेर लेते हैं।

यदि किसी कारणवश शौचालय का निर्माण उत्तर दिशा में करना हो तो गड्ढे को उत्तर-पश्चिम में स्थानांतरित कर देना चाहिए। शौचालय की दीवार को काले रंग से रंगा जाना चाहिए।

कोशिश करें कि 11 से 1 रात के बीच शौचालय का प्रयोग न करें और हर मौसम में सफेद धातु के बर्तन में सफेद असली या नकली फूल उत्तर दिशा में रखें।

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