कई बार जाने-अनजाने में भगवान की मूर्तियां हमारे हाथ से गिर जाती हैं जिससे उनमें दरार आ जाती है या उनका किनारा टूट जाता है। अधिकतर लोग भगवान की इन टूटी-फूटी मूर्तियों को वापस मंदिर में रख देत हैं जो वास्तु शास्त्र के अनुसार सही नहीं है।

घर में या घर के मंदिर में कोई भी टूटी हुई या टूटी हुई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। इन मूर्तियों को खंडित कहा जाता है और इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए। उन्हें किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर देना चाहिए या पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए। भगवान की टूटी मूर्तियों को घर में रखने से वास्तु दोष होता है और नकारात्मकता बनी रहती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्ति के अलावा दूषित दीपक का भी उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता आती है। खंडित मूर्ति की पूजा करने पर पूजा का पूरा पुण्य मिल नहीं पाता है। मन को शांति नहीं मिलती है। वास्तु के अनुसार इन मूर्तियों को घर में रखने से नकारात्मकता बढ़ती है। पूजा करते समय देवी-देवताओं की मूर्तियों की ओर ध्यान लगाने से तनाव दूर होता है, लेकिन मूर्ति अगर खंडित होगी तो ध्यान नहीं लग पाता है।

शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को निराकार माना गया है। शिवलिंग खंडित होने पर भी पूजनीय है और ऐसे शिवलिंग की पूजा की जा सकती है।

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