महिला हो या पुरुष सबकी अपनी एक अलग पहचान है और अक्सर ये पहचान कपडों के पहनावे से भी दिखाई देती है। जब भी कपडो की बात चलती है तो महिलाएं सबसे आगे रहती है । महिलाओं को अपने कपडों के साथ तरह तरह के एक्पेरीमेंट करना कापी पंसद होता है । जिस वजह से उन्हे कई बार आलोचानाओं का सामना भी करना पडता है ।

लडकियों की शर्ट में जेब

पुराने जमाने में भारतीय महिलाओं को शरीर को पुरी तरह ढके हुए कपडे, खास तौर पर शादीशुदा महिलाओं को लंबे घूंघट में ऱहने को कहा जाता था। और पुरुष ही जीन्स शर्ट पहन सकते थे। हालाकि आजकल लडके -लडकियों के कपडो में ज्यादा फर्क नही रह गया है और न ही इनके पहनावे पर कोई रोक टोक है।

खासतौर पर जीन्स शर्ट ऐसे कपडे है जो महिला और पुरुषों दोनो ही पहनते है ।

लड़कियों की जीन्स शर्ट और पुरुषों की जीन्स शर्ट में फर्क होता है । वैसे तो लड़कियों को ज्यादा फैशनेबल माना जाता है लेकिन लड़कियों की शर्ट ज्यादातर प्लेन, डिजाइन की होती है जिनमें कोई जेब नही बनी होती। जबकि लड़कोे की शर्ट में जेब होती है। हालाकि आजकल लड़कों की शर्टों में जेब और बिना जेब का ऑप्शन आता है।

ऐसा क्यों ?

माना जाता है हर चीज के पीछे कोई न कोई वजह होती ह । यहां तक कि कपडे के हर कलर के पीछे भी एक कहानी छिपी है फिर शर्ट में जेब का न होना आम बात तो हो नही सकती ।तो चलिए आपको आज इसी रहस्य के बारे में बताते है ।

प्राचीन काल से ही लडकियों को ऐसे कपडे पहने को कहा जाता था । जिसमें उनके शरीर की सरचना भद्दी न लगे। शर्ट में जेब होने का मतलब है इसका इस्तेमाल आप छोटा मोटा समान रखने के लिए कर सकते है ।

लडकियां अगर शर्ट की जैब में कोई समान रखती है तो उनक वो वाला शारीरिक अंग उभर के आता है जिस वजह से उनका शरीर भद्दा दिखने लगता है और वो असहज महसूस करने लगती है । इस वजह से लडकियों के कपडों में जेबे नही बनाई जाती ।

हालाकि अब लडकियां चाहे तो पर्सनली अपनी शर्ट पर जेब बनवा सकती है। क्योंकि अब समाज में महिलाओं को लेकर काफी बदलाव आ चुके है जिस वजह से कोई भी किसी के पहनावे को लेकर टिप्पणी नही करता।

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