Vastu Tips: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में खरीदे ये चीजें !
इंटरनेट डेस्क। सावन का महीना बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। सावन के महीने को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। सावन के महीने में शिव जी कि पूजा की जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया गया है। जिन्हे यदि आप सावन के महीने मैं खरीदते हैं तो आपको भगवान शिव के साथ साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी। इन चीजों को खरीदने से मां लक्ष्मी की अपार कृपा आप पर बरसती है। और आपको धन दौलत की समस्या से छुटकारा मिल जाता है। आईएस लेख के माध्यम से आपको बताते हैं कि वह कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें सावन में खरीदना बहुत शुभ माना गया है -
* सावन के महीने में खरीदे डमरू :
सावन के महीने में डमरू खरीदना बहुत शुभ माना गया है। सावन के महीने में भगवान शिव की स्तुति करना बहुत शुभ माना जाता है भगवान शिव की पूजा करने के दौरान डमरु बजाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। भगवान शिव के साथ साथ आपको मां लक्ष्मी की कृपा भी मिलेगी।
* सावन के महीने में चांदी की डिब्बी खरीदे :
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शिवजी की भस्म रखना बहुत शुभ माना जाता है शिव की भस्म घर में रखने से घर की दरिद्रता दूर होती है इस बसों को रखने के लिए आप सावन के महीने में एक भी खरीद सकती है लेकिन वह डिब्बी चांदी की होनी चाहिए। इस बस में को रोजाना शिवजी की पूजा के दौरान अपने सिर पर लगाएं ऐसा करने से आपको भगवान शिव का आशीर्वाद मिलेगा।
* सावन के महीने में खरीदा शिवलिंग :
शिवलिंग के महत्व से आप सभी अच्छी तरह परिचित है। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है ऐसे में सावन के महीने में महामंत्री के लिए एक छोटा शिवलिंग खरीद सकते हैं। शिवलिंग को खरीदते समय इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए कि शिव लिंग 2 इंच से बड़ा ना हो इसके अलावा घर में रखे हुए शिवलिंग की रोजाना नियमित रूप से पूजा की जानी चाहिए ऐसा करने से आपको और आपके परिवार को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलेगा।
* सावन में खरीदे रुद्राक्ष :
सावन के दौरान शुभ मुहूर्त में रुद्राक्ष खरीदकर घर लाने से जीवन में तरक्की होती है और पैसे की किल्लत खत्म होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, रुद्राक्ष का जन्म भगवान शिव के आंसुओं से हुआ था। सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने से मन में शांति रहती है। और शरीर में हृदय रोग का खतरा नही होता है।