वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है वास्तु शास्त्र में हमारे जीवन में आने वाले हर छोटी-छोटी समस्या के समाधान के लिए कई नियम और उपाय बताए गए हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार आज भी हमारे सनातन धर्म में ऐसे कई जो लंबे समय से चली आ रही है और आज भी उसी तरह चल रही है इन परंपराओं की पिक्चर अपने धार्मिक और वैज्ञानिक कारण है जिसकी वजह से इतना लंबा समय गुजर जाने के बाद भी आज भी करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन करते हैं ऐसी ही एक महान परंपरा रात में पेड़ पौधे से छेड़छाड़ ना करना या उनके पत्ते ना तोड़ना। लेकिन क्या आप इस परंपरा के पीछे के कारणों को जानते हैं यदि नहीं तो इस लेख को जरूर पढ़ें इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे इस परंपरा के पीछे के कारण। आइए जानते है विस्तार से -


* पेड़ पौधे भी मनुष्य की तरह है जीवित प्राणी :

वास्तु शास्त्र और पुराणों में पेड़ पौधों को मनुष्य की तरह ही एक जीवित प्राणी माना गया है जो दिन में जागते हैं और सूर्यास्त के बाद आराम करते हैं इसीलिए वास्तुशास्त्र में उनके विश्राम में उन्हें परेशान करना या सोते हुए जगाना अशुभ माना गया है। यही कारण है कि सूर्यास्त के बाद परिवार के बड़े बुजुर्ग हमें पेड़ पौधों को छेड़ने या उनकी पत्तियों को तोड़ने से रोकते हैं।


* पेड़ पौधों में सूर्यास्त के बाद पक्षियों और कीट पतंगों का होता है बसेरा :

वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि सूर्यास्त या अंधेरा होने के बाद पेड़ पौधों को ना छेड़ने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि पेड़ पौधों पर पक्षियों और कीट पतंगों का बसेरा होता है और ऐसे में यदि आप रात में पेड़ पौधों को हिलाते हैं या उनकी पत्तियों तोड़ते हैं तो ऐसा करने से पक्षियों की नींद में खलल पड़ती है और वह परेशान होते हैं जिसका दुष्प्रभाव आपको कई रूपों में भुगतना पड़ता है।


* पेड़ पौधे रात में छोड़ते हैं कार्बन डाइऑक्साइड गैस :

सूर्यास्त या रात होने के बाद पेड़ पौधे के पत्ते ना तोड़ने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह भी है कि पेड़ पौधे रात होते ही ऑक्सीजन के बजाय कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ने लगते हैं ऐसे में यदि कोई मनुष्य पेड़ पौधे के नीचे रहता है तो इस व्यक्ति में ऑक्सीजन की कमी की समस्या हो सकती है इसी कारण रात के समय में पेड़ के नीचे सोने या उसमें चढ़ने के लिए मना किया जाता है।

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