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उत्तर भारत में बढ़ती गर्मी के कारण लोग अक्सर शहर के शोरगुल से दूर कुछ सुकून भरे पल बिताने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में मसूरी पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह है। उत्तराखंड के खूबसूरत शहर देहरादून से महज 33 किलोमीटर दूर स्थित मसूरी एक मनमोहक हिल स्टेशन है। हर वीकेंड यहाँ पर आपको पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलेगी। इस जगह की खास बात यह है कि आप यहां किसी भी मौसम में आ सकते हैं।

मसूरी को गंगोत्री का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। देहरादून से मसूरी जाते समय आपको पहाड़ों के खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। लेकिन अगर आप गर्मी के मौसम में मसूरी जा रहे हैं तो आपको तेज धूप के साथ-साथ गर्मी का भी एहसास होगा। ऐसे में आप केम्प्टी वॉटरफॉल में झरने के नीचे नहाने का मजा ले सकते हैं। हालांकि, बढ़ती गर्मी के कारण आपको केम्प्टी फॉल्स में भारी भीड़ का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप मसूरी में दूसरी जगहों पर भी घूम सकते हैं।

मसूरी में खूबसूरत झरने:

झड़ीपानी वॉटरफॉल्स:
यह झरना मसूरी की मुख्य सड़क से करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप कार से यात्रा कर रहे हैं, तो याद रखें कि आपको यहां पहुंचने से पहले ही अपना वाहन छोड़ना होगा। इस झरने तक पहुंचना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि सड़क सुविधा अच्छी नहीं है। हालांकि, अगर आप अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण माहौल में झरने के नीचे नहाने का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको इस झरने पर जरूर जाना चाहिए।

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मॉसी फॉल्स:

मॉसी फॉल्स मसूरी की एक ऐसी जगह है जिसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होगी। यहां पहुंचना मुश्किल है, लेकिन अगर आप रोमांच के शौकीन हैं, तो आपको कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहिए। यह झरना 145 मीटर ऊंचा है और चारों तरफ हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है। इस झरने की खूबसूरती आपको पहली नजर में ही मोहित कर लेगी। इस ऊंचाई से गिरने वाला पानी सफेद झाग में बदल जाता है, जो इसकी खूबसूरती को दोगुना कर देता है। कम भीड़ होने की वजह से आप यहां खूबसूरत तस्वीरें ले सकते हैं।

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सागी और केम्प्टी फॉल्स:
ये दोनों झरने मसूरी के केम्प्टी क्षेत्र में आते हैं। यहां पहुंचने के लिए आपको 12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। चूंकि बहुत से लोगों को इन झरनों के बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए आपको यहां पहुंचने के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेनी पड़ सकती है। जानकारी के अभाव के कारण यहां बहुत कम पर्यटक आते हैं।

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