प्रथम पूज्य श्रीगणेश इंसान के सभी कार्यों को सिद्ध करते हैं। हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक, कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले गणपति महाराज की पूजा जरूर करनी चाहिए। बता दें कि गणपति के मंत्र और यंत्र विशेषरूप से चमत्कारी माने गए हैं। इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि गणेश यंत्र साधना के द्वारा जातक को श्रीगणेश जी की कृपा अति शीघ्र प्राप्त होती है।

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति‍थि को शुभ मुहूर्त में शास्त्रोक्त विधि-विधान से ताम्रपत्र पर गणेश यंत्र का निर्माण करवा लें। यंत्र को खुदवाना वर्जित है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप धन लाभ, दरिद्रता का नाश, संतान तथा विद्या-बुद्धि की प्राप्ति करना चाहते हैं तो ॐ गं गणपतये नम: का जाप करें।

सायंकाल, मध्याह्नकाल तथा प्रात:काल कंबल के आसन पर बैठकर पीले वस्त्र धारण करके पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके गणेश यंत्र के सम्मुख बैठें।

ॐ गं गणपतये नम: का जाप करते समय श्रीगणेश भगवान के समक्ष 5 घी के दीपक एवं 5 बेसन के लड्डुओं का नैवेद्य अर्पण करना अनिवार्य है। रुद्राक्ष की माला से प्रतिदिन 31 माला का जाप गणेश यंत्र के सम्मुख 31 दिन तक करना चाहिए।

Related News