हिन्दू धर्म के एकमात्र धर्मग्रंथ है वेद। वेदों के चार भाग हैं- ऋग, यजु, साम और अथर्व। वेदों के सार को वेदांत या उपनिषद कहते हैं और उपनिषदों का सार या निचोड़ श्रीमद्भगवद्गीता में हैं। श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं का सर्वमान्य एकमात्र धर्मग्रंथ है। हिन्दू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व के बारे में तो सभी जानते हैं जो कि हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखती हैं और पौराणिक काल के बारे में बताती हैं। हिंदू धर्मग्रंन्थों में श्रीमद्भगवद्गीता को उच्च स्थान दिया गया हैं। वैसे आज हम आपको एक ऐसी श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तक कही जाती है। इसका एक पन्ना पलटने में भी 4 लोग लगते हैं।


जी दरअसल इस पुस्तक का एक पन्ना पलटने के लिए तीन लोगों की शक्ति लगती है। हम बात कर रहे है अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ की जिसको इस्कॉन मंदिर में रखी श्रीमद्भगवद्गीता की। यहाँ रखी श्रीमद्भगवद्गीता का वजन करीब 800 किलो है और इस श्रीमद्भगवद्गीता के एक पन्ने को पलटने के लिए तीन से चार लोगों की जरूरत पड़ती है। जी दरअसल इस गीता की पुस्तक को इटली में बनाया गया है और इस पुस्तक को समुंद्र के रास्ते से भारत लेकर आए थे।


कहा जाता है इसे भारत लाने के लिए करीब 5 साल से ज्यादा का समय लग गया था। वैसे आज हम आपको कुछ तस्वीर भी दिखाएंगे जिसमे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी रहे है।

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