इन दिनों कोरोना संक्रमण का नया रूप ओमाइक्रोन बवाल मचा रहा है. सबके बीच राज्यों में पाबंदियां चल रही हैं. ओमाइक्रोन डेल्टा की तुलना में हल्का हो सकता है मगर इसकी संक्रामक दर बहुत अधिक है और कोई भी आसानी से इसका शिकार हो सकता है। डेल्टा की तुलना में ओमाइक्रोन की विशेषताएं भी भिन्न हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ लक्षणों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं ताकि समय रहते इसे बढ़ने से रोका जा सके. आपको बता दें कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को अब तक ओमाइक्रोन के कई लक्षणों के बारे में पता चला है, मगर एक ऐसा लक्षण है जिस पर लोग ध्यान नहीं देते हैं.

विशेषज्ञों ने लोगों को अपनी त्वचा पर ध्यान देने की सलाह दी है। इस वैरिएंट की वजह से त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं। ZOE कोविड सिम्पटम स्टडी ऐप के मुताबिक, ओमाइक्रोन से संक्रमित ज्यादातर लोगों ने त्वचा पर रैशेज की शिकायत की है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक प्रमुख लक्षण है और इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ओमाइक्रोन में दो अलग-अलग तरह के त्वचा पर रैशेज देखे जा सकते हैं। ये त्वचा पर चकत्ते बहुत अचानक और अप्रत्याशित रूप से उभर आते हैं। यह एक छोटे से दाने की तरह हो सकता है जिसमें तेज खुजली हो। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि आमतौर पर यह तेज खुजली हथेलियों या तलवों से शुरू होती है। जिसके साथ ही अन्य प्रकार के रैशेज में यह कांटेदार गर्मी की तरह दिखता है जो पूरे शरीर में फैल जाता है, हालांकि यह कोहनी, घुटनों और हाथों और पैरों की त्वचा पर अधिक पाया जाता है।

लंदन के एक डॉक्टर ने कुछ समय पहले चेतावनी दी थी कि ओमाइक्रोन से संक्रमित बच्चों में रैशेज पाए गए थे, हालांकि वयस्कों में ये लक्षण कम आम थे। एक डॉक्टर ने यह भी बताया कि ओमाइक्रोन के लगभग 15 प्रतिशत युवा रोगियों में भी चकत्ते देखे गए हैं।

इन सबके अलावा कोरोना के मुख्य लक्षण अभी भी लगातार खांसी, तेज बुखार और स्वाद और गंध की कमी है,मगर ओमाइक्रोन में ये लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐप पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, ओमाइक्रोन वेरिएंट से प्रभावित लोगों में 48 घंटे के अंदर लक्षण दिखाई देते हैं।

नाक बहना, गले में चुभन, सिरदर्द, थकान और छींक आना जैसे लक्षण शामिल हैं। जिसके साथ ही पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और रात को पसीना आना भी ओमाइक्रोन के लक्षण हैं, मगर इन लक्षणों के कारण वर्तमान में केवल हल्की बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, मगर जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लगाया है, उनमें ये हैं रोग गंभीर भी हो सकता है।

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