कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई स्थाई इलाज नहीं है। जी हां और इस जानलेवा बीमारी के कारण शरीर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और फिर धीरे-धीरे अंग काम करना बंद कर देते हैं। यदि समय रहते इस बीमारी का पता चल जाए तो कैंसर का इलाज संभव है। जी हां, वैसे तो कैंसर कई तरह का होता है, मगर इनमें पैंक्रियाटिक कैंसर काफी खतरनाक होता है। जी हां, हाल ही में विशेषज्ञों ने पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षणों के बारे में बताया है, जो पेट के निचले हिस्से (अग्न्याशय) के पीछे के अंग में होता है। अग्न्याशय शरीर के अंदर बहुत अधिक होता है, इसलिए शुरुआत में इसका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है और जिसके लक्षण पैरों में भी दिखाई देते हैं, जिससे इस कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण - आपकी जानकारी के लिए बता दे की, पैंक्रियाटिक कैंसर में रक्त को हाइपरकोग्युलेटिव स्टेज तक पहुंचाने की क्षमता होती है। जहां रक्त के थक्के बनने लगते हैं। दरअसल अगर किसी को यह कैंसर है तो उसके पैर में खून के थक्के बनने लगते हैं और यह पैंक्रियाटिक कैंसर का पहला लक्षण हो सकता है। जिसके अलावा नसों में रक्त के थक्के जमने की अवस्था को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहते हैं।

कैंसर के लक्षणों में दर्द, सूजन, पैरों का लाल होना और गर्म पैर शामिल हो सकते हैं। वहीं, कुछ मामलों में रक्त के थक्के फेफड़ों तक भी पहुंच सकते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। वहीं, इस स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पीई) कहा जाता है और इससे मौत का खतरा भी बढ़ सकता है। जिसके अलावा अगर किसी के शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे कैंसर है। कई मामलों में, रक्त के थक्के अन्य कारणों से होते हैं। लगभग 70 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं है कि उनके खून में थक्का जम गया है।

सबसे खतरनाक है पैंक्रियाटिक कैंसर- एक सर्वे के नतीजों से पता चला है कि मरीजों में जागरूकता की कमी के कारण डीवीटी का खतरा बढ़ रहा है। पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज बहुत मुश्किल है। डीवीटी पैंक्रियाटिक कैंसर को और भी खतरनाक बना देता है और इस बीमारी से पीड़ित केवल 5 प्रतिशत मरीज ही जीवित रहते हैं।

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