कोरोना का कहर पूरी दुनिया में फैल रहा है। इस से पॉजिटव अब तक 136,895 मामले सामने आ चुके हैं। भारत में 110 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है।

यह हमारे नाक कान या फिर आँख से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। उसके बाद यह सीधा हमारे फेफड़ों पर असर करता है, और व्यक्ति को सांस लेने में दिक्क्त होती है। इसका संक्रमण ज्यादा होने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।

इन लोगों को सबसे ज्यादा होता है कोरोना वायरस होने का खतरा:

कोरोना वायरस होने का सबसे ज्यादा खतरा बूढ़ों और अस्थमा से परेशान लोगों को होता है। इसके अलावा मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों को भी इसका गंभीर संक्रमण होने का खतरा रहता है।

कैसे होता है कोरोना का उपचार

कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि जो मरीज़ इस से ग्रस्त है उसे सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए।

लक्षण: बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सूखी खांसी, थकान
अन्य लक्षण: सिरदर्द, खून वाली खांसी और दस्त
संक्रमण के लक्षण सामान्यत: 1-14 दिन तक,कुछ मामलों में 24 दिन भी दिखते हैं।

  • कोरोना से पीड़ित मामलों में 5 फीसदी मामले ऐसे हैं जो बेहद जटिल थे।
  • कोरोनावायरस जब बढ़ने लगता है तो निमोनिया, मल्टीपल आर्गन फेल्योर, सांस लेने में परेशानी जैसे मामले सामने आते हैं।
  • इसकी अब तक कोई दवा और इलाज नहीं मिल पाया है।
  • अगर आप प्रॉपर ट्रीटमेंट लेते हैं तो दो से छह सप्ताह के अंदर लोग ठीक हो सकते हैं।

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