आगरा का ताजमहल दुनिया के अजूबों में से एक माना जाता है, इसे प्यार का प्रतीक भी माना जाता है। ताजमहल देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं और इसकी खूबसूरती का गुणगान करते हैं। ताजमहल की खूबसूरती ऐसी है हर कोई देखत ही रह जाता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल जब बनाया गया था उस वक्त सीमेंट भी नहीं होती थी,तो इसके पत्थरों को कैसे चिपकाया गया। सीमेंट का आविष्कार 1824 में हुआ था. लेकिन ताजमहल उससे पहले ही बन चुका था. मार्बल चिपकाने के लिए आजकल कई तरीके मौजूद हैं. लेकिन उस समय पत्थरों को चिपकाने के लिए एक खास तरह का मेटेरियल तैयार किया गया था, ताजमहल की नींव के लिए एक अलग-सा घोल बनाया गया था, जिसका नाम सरूज बताया जाता है।


यह लाइन, चिकनी मिट्टी आदि से बनाया जाता है, इसके अलावा इसमें गुड़, दालें, चीनी, राल, गोंद आदि भी मिलाया गया था, ताजमहल की पकड़ इतनी मजबूत है कि आज भूकंप, तूफान, बारिश, गर्मी-सर्दी का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है।

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