पूरे भारत में अंगूर आसानी से उपलब्ध फल हैं। कई लोगों के पसंदीदा फलों में इसका नाम भी शामिल है. आपकी जानकारी के लिए बता दे की, इसमें विटामिन-सी और ग्लूकोज पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है और यह शरीर में खून को बढ़ाता है और कमजोरी को दूर करता है। मरीजों को फलों में अंगूर खाने की सलाह देते हैं। हर 100 ग्राम अंगूर में लगभग 85.5 ग्राम पानी, 10.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा, 0.03 ग्राम कैल्शियम, 0.02 ग्राम फास्फोरस, 0.4 मिलीग्राम आयरन, 50 मिलीग्राम होता है। विटामिन-बी, 10 मिलीग्राम विटामिन-सी, 8.4 मिलीग्राम विटामिन-पी, 15 यूनिट विटामिन-ए, 100 से 600 मिलीग्राम टैनिन, 0.41-0.72 ग्राम टार्टरिक एसिड पाया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम क्लोराइड, पोटैशियम सल्फेट, मैग्नीशियम और एल्युमिनियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली चीनी पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत और कुछ में 50 प्रतिशत तक होती है। दरअसल, यह शुगर शरीर में पहुंचकर एनर्जी प्रदान करती है। अंगूर के सेवन से थकान दूर होती है और शरीर फुर्तीला और मजबूत बनता है। अब हम अंगूर के फायदों के बारे में बताते हैं।

अंगूर में क्षारीय तत्व को बढ़ाने की इसकी अच्छी क्षमता के कारण इसका सेवन शरीर में अधिक यूरिक एसिड, मोटापा, जोड़ों का दर्द, रक्त का थक्का जमना, अस्थमा, नाड़ी की समस्या और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसी स्थितियों में लाभकारी होता है।

* आपकी जानकारी के लिए बता दे की, अंगूर, आंत, यकृत और अन्य पाचन रोगों का सेवन, मुंह में कड़वाहट, खून की उल्टी, गुर्दे की कार्यक्षमता में कमी, कब्ज, मूत्र रोग, दस्त, कृमि रोग, तपेदिक (तपेदिक), अम्ल-पित्त, में विशेष रूप से लाभकारी है। मसूड़ों की बीमारी (गांठ) और ग्रहणी जैसे रोग।

* अगर किसी ने धतूरा खाया है तो अंगूर के सिरके को दूध में मिलाकर पिलाने से बहुत लाभ होता है। आंतरायिक बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन संबंधी गड़बड़ी आदि में अंगूर कारगर होते हैं।

अंगूर में एक खास गुण यह भी पाया जाता है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को शरीर से आसानी से निकाल देता है।

बता दे की, अंगूर के रस को एक बर्तन में पकाकर, गाढ़ा करके और सोते समय आंखों में लगाने से आंखों के रोग जैसे सूजन आदि दूर हो जाते हैं।

* जिन महिलाओं को पर्याप्त दूध नहीं मिलता उनके लिए भी यह फायदेमंद है।

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