मथुरा के राजा कंस की मृत्यु के बाद उसका ससुर जरासंध इतना क्रोधित हुआ कि उसने भगवान श्रीकृष्ण और बलराम को मारने की ठान ली। महाभारत के अनुसार, जरासंध ने श्रीकृष्ण और बलराम पर 17 बार आक्रमण किया। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण हर बार जरासंध को जीवित ही छोड़ देते थे। यह बात बलराम के समझ में नहीं आ रही थी कि आखिर श्रीकृष्ण जरासंध को जीवित क्यों छोड़ देते हैं?

बता दें कि श्रीकृष्ण से युद्ध हारने के बाद जरासंध दोबारा अधर्मी लोगों की सेना बना लेता था। इसके बाद वह उन पर आक्रमण कर देता था। फिर युद्ध में बलराम और श्रीकृष्ण उन सभी अधर्मी राजाओं को मार देते थे, लेकिन जरासंध को जिंदा छोड़ देते थे। ऐसा कई बार हुआ तो बलराम ने श्रीकृष्ण से पूछा कि तुम जरासंध को मार क्यों नहीं देते हो, युद्ध में उसे हर बार जीवित क्यों छोड़ देते हो। यह क्या रहस्य है?

तब भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि जरासंध दुनियाभर से अधर्मियों को एकत्र युद्ध में हमारे सामने लाता है। इसी वजह से हम सभी अधर्मियों को एक ही जगह मार पाते हैं, इन सभी दुष्ट लोगों को मारने के लिए हमें कहीं अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं है। युद्ध में जब सभी दुष्ट और अधर्मी मारे जाएंगे तो हम जरासंध का भी वध कर देंगे। युद्ध में सभी दुष्टों का अंत करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने भीम के हाथों जरासंध का भी वध करवा दिया।

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