Seasonal Illness: मौसमी बीमारियों से बचने के लिए करें ये उपाय
वर्ष के इस समय के दौरान, दोहरे मौसमों के कारण तापमान और मौसम में परिवर्तन लोगों को सर्दी, फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों के खतरे में डालते हैं। ऐसे और भी मामले तब सामने आते हैं जब मौसम बदलता है। मेडिकल रिसर्च के मुताबिक ज्यादातर वयस्कों को साल में 2-4 बार जुकाम और बच्चों को 5-7 बार सर्दी-जुकाम होता है। चूंकि कई लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए इस तरह की बीमारियां उन्हें जल्दी प्रभावित करती हैं।
तापमान में मामूली बदलाव से भी कुछ लोगों को सर्दी, खांसी, वायरल की समस्या हो सकती है। चूंकि बुजुर्गों में प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी नहीं होती है, इसलिए छोटी सी बीमारी भी उन्हें अधिक परेशान कर सकती है। जब भी मौसम बदलता है तो इसका असर लोगों की सेहत पर पड़ता है। तापमान में परिवर्तन वायरस को अपना संक्रमण फैलाने के लिए सही वातावरण प्रदान करता है। सर्दी और फ्लू आम स्वास्थ्य समस्याएं हैं, लेकिन अगर जल्दी इलाज नहीं किया गया तो यह किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित हो सकता है। कुछ मामलों में पीड़ित को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ सकता है। लेकिन कुछ सावधानियां और जीवनशैली में बदलाव लाकर आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं।
कुछ वायरस हवा में घंटों और वस्तुओं पर दिनों तक जीवित रह सकते हैं, इसलिए आपको निश्चित रूप से दोहरे मौसम के दौरान या जब बीमारी अधिक प्रचलित हो तो मास्क पहनना चाहिए। सामान्य रूप से छुए जाने वाले सामान जैसे दरवाज़े के हैंडल या लाइट स्विच को छूने के बाद अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और अपने चेहरे को छूने से बचें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए व्यायाम करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही स्वस्थ भोजन करना चाहिए। ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो और ऐसे वायरल संक्रमण से बचा जा सके। संतुलित आहार खाने, पर्याप्त नींद लेने और तनाव को नियंत्रण में रखने से आपको मौसमी बीमारी से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है।