चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना...
अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि कलियुग में भी हनुमानजी जाग्रत और साक्षात हैं। हनुमान जी अपने भक्तों के दुख और संकट को मिटाने में सक्षम हैं। बता दें कि हनुमान भक्त केवल हनुमान चालीसा पढ़ने से खुद को इन 10 तरह की बाधाओं से बचा लेता है।

1. भूत-पिशाच

भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥
जहां महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।
भूत-पिशाच जैसी ऊपरी बाधाओं से परेशान व्यक्ति को बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए।

2. शनि और ग्रह बाधा

शनि महाराज का महादोष हो तो घबराने की जरूरत नहीं। जिन पर हनुमानजी की कृपा होती है, उनका शनि और यमराज भी कुछ नहीं कर सकते हैं। शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे।

3. रोग और शोक

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
हे वीर हनुमानजी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती है। जनश्रुति के अनुसार एकबार जब कलियुग के प्रकोप से उनकी भुजा में अत्यंत पीड़ा हुई तो उसके निवारण के लिए तुलसीदास जी ने इस स्त्रोत की रचना की।

4. जेल बंधन से मुक्ति

हनुमानजी के अलावा कोई अन्य बंदी छोड़ नहीं है। जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। वह मानसिक रूप से भी बंधन से मुक्त हो जाता है।

5. मारण-सम्मोहन-उच्चाटन

कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है, जिससे जाने अनजाने उनके गुप्त शत्रु बढ़ जाते हैं। संभव है आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी लोग आपके विरुद्ध षड्‍यंत्र रचते हो। ऐसे में श्रीबजरंग बाण आपकी रक्षा करता है।

6. घटना-दुर्घटना से रक्षा

राहु-केतु और शनि के चलते घटना-दुर्घटना घटित होती है। इसलिए जो लोग भी सुंदरकांड, हनुमान चालीसा अथवा बजरंग बाण का प्रतिदिन पाठ करते हैं, हनुमानजी उनकी रक्षा करते हैं।

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