पिछले 2 सालों में कोविड-19 के चलते देश के कई लाखों परिवार बर्बाद हो गए और कई परिवार हमेशा हमेशा के लिए अपने प्रिय लोगों को गवा चुके हैं। हालांकि कुछ समय पहले सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए एक जवाब में यह कहा गया कि कोविड-19 से किसी की भी मौत नहीं हुई लेकिन सच्चाई इसके उलट है और यह हर भारतीय जानता है।

कोविड-19 से अपनी जान गवाने वाले परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने को लेकर कई प्रदेश की सरकारें लगातार आनाकानी कर रही है और इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त आदेश जारी करते हुए सोमवार को सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि पीड़ित के परिवार वालों को बिना किसी प्रकार का समय बर्बाद किए हुए मुआवजा दिया जाना चाहिए।

इसे लेकर मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि जस्टिस एम आर शाह और बीवी नगर रत्न ने इस मामले को लेकर कहा कि अगर ऐसा कोई दावेदार हो जिसे मुआवजा ना मिला हो यह सरकार द्वारा उसके अनुरोध को खारिज किया गया हो तो वह इस मामले से जुड़ी शिकायत निवारण समिति के पास करवा सकता है।

इसके अलावा दूसरी और कोर्ट ने सख्त लहजे में सभी राज्यों को यह आदेश जारी किए हैं कि वह जल्द से जल्द बिना किसी देरी के सभी कोविड-19 से पीड़ित परिवारों के सदस्यों को मुआवजा दें ताकि वह अपने जीवन यापन अच्छे से कर सके और उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना और ना करना पड़े।

आपको बता दें कि मार्च के महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी सरकारों को 60 दिन का समय दिया गया था और 60 दिन के भीतर सभी मुहावरों को देने की बात कोर्ट द्वारा की गई थी । लेकिन इस बात का क्रियान्वयन नहीं होते हुए देखते हुए अब कोर्ट ने शक्ति अपनाते हुए एक बार फिर आदेश जारी किए हैं।

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