हमारे जीवन में नवग्रहों का बहुत महत्व है। ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहों की चाल और स्थिति हमारे जीवन में होने वाले कार्यों का मुख्य कारक है। कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति ग्रह दोष को जन्म देती है। ग्रह दोष व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं पैदा करते हैं। यहां तक ​​कि किसी न किसी कारण से चल रहे काम भी रुक जाते हैं। ऐसे में ग्रह दोष को दूर करना बहुत जरूरी है। यहाँ शास्त्रों में ग्रहों के दोष दूर करने के कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं।

राहु-केतु का छाया ग्रह -

ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में राहु-केतु को छाया ग्रह कहा गया है। राहु दोष व्यक्ति के जीवन में कई बाधाओं का कारण बनता है। मेहनत करने पर भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है। घर के सदस्यों में तनाव और तनाव का माहौल है। आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। राहु दोष को शास्त्र के उपायों से दूर किया जा सकता है।

राहु दोष दूर करने के उपाय-

शास्त्रों में राहु दोष को दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं। रोज सुबह स्नान के बाद राहु मंत्र का 108 बार जाप करने से राहु दोष दूर होता है।

राहु का मंत्र है- ऊँ रां राहवे नम:

साथ ही जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु दोष हो उसे भगवान शिव और नारायण की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए काले तिल को पानी में डालकर शनिवार और सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे राहु और केतु शांत होते हैं। कुश को प्रतिदिन नहाने के पानी में मिलाना चाहिए। फिर उस जल से स्नान कर लें। इससे कुंडली से राहु दोष दूर होता है।

बुधवार के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से राहु दोष समाप्त होता है। शनिवार की सुबह पिंपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम को पिंपल के पेड़ की पूजा करें। राहु दोष को दूर करने के लिए गोमेद रत्न धारण करना शुभ होता है।

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