भारतीय केंद्र सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाती हैं, जिनका उद्धेश्य इन लोगो की मदद और उत्थान करना हैं, अगर हम बात करें देश के किसानों की तो इनकी मदद के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं सरकार चलाती है, जिनमें से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से भारतीय कृषि को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। इस फसल बीमा योजना का उद्देश्य अप्रत्याशित घटनाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान से किसानों की रक्षा करना है, आइए जानते हैं इस योजना के बारे में-

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दावे और प्रीमियम:

PMFBY के तहत, किसानों को भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के प्रीमियम पर लगभग 500 रुपये मिले हैं।

पिछले आठ वर्षों में, 23.22 करोड़ से अधिक किसान आवेदकों के दावों को मंजूरी दी गई है।

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2023-24 में लाभार्थी:

वित्त वर्ष 2023-24 में, इस योजना से 56.8 करोड़ किसानों को लाभ हुआ।

यह पिछले वर्षों की तुलना में योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या में 27% की वृद्धि दर्शाता है।

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वित्तीय अवलोकन:

इस वित्तीय वर्ष में किसानों ने प्रीमियम में 31,130 करोड़ रुपये का योगदान दिया।

बदले में उन्हें 1,55,977 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया। इसका मतलब है कि प्रीमियम के रूप में भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के लिए, किसानों को 500 रुपये का मुआवजा मिला।

किसान नामांकन में वृद्धि:

योजना में नामांकित किसानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 2021-22 में किसान आवेदनों में वृद्धि दर 33.4% और 2022-23 में 41% थी।

वर्ष 2023-24 के लिए, नामांकित किसानों में 27% की वृद्धि हुई है, जिसमें 42% बीमित किसान गैर-ऋणी हैं।

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