एक तो पहले ही कोरोना महामारी के बीच टोक्यो ओलंपिक का आयोजन सवालों के घेरे में है. दूसरा, आयोजन समिति ने इस बार खेल में खिलाड़ियों के बीच 1 लाख 60 हजार कंडोम बांटने का लक्ष्य रखा है. जैसे ही ये खबर बाहर आई हंगामा मच गया. लोगों का कहना है कि जब कोरोना में सोशल डिस्टेंसिंग पर फोकस करना है, तो कंडोम का वितरण क्यों?

2021 में एथलीट को ओलंपिक विलेज में जिस बेड पर सुलाया जाएगा, वो एंटी-सेक्स बताया जा रहा है. एंटी सेक्स यानी उसपर खिलाड़ी चाहकर भी रोमांस नहीं कर पाएंगे. अब आप सोच रहे होंगे भला ऐसा बेड कैसा होता है? तो आपको बता दें कि इस साल आयोजक कोरोना को फैलने से बचाने के लिए कई तरकीब निकाल रहे हैं. उसमें ये बेड भी शामिल है. पहले तो इस बार दर्शकों को कम संख्या में एंट्री दी जाएगी, दूसरी इस बार खिलाड़ियों के रहने वाले स्पेस को लोगों से दूर रखा जाएगा. ऐसे में बाहर से कोई अंदर एंट्री नहीं ले पाएगा.

खिलाड़ियों के लिए जो बेड बनाया गया है वो कार्डबोर्ड से बनाया गया है. इसे ऐसे डिजाइन किया गया है कि ये सिर्फ 1 शख्स का भार उठा पाएगा. अगर दो लोग इसपर चढ़े तो ये टूट जाएगा. साथ ही ये किसी तरह के झटके को बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. थोड़ा सा भी प्रेशर इसे तोड़ देगा और खिलाड़ी पकड़ा जाएगा. बेड की तस्वीरें तब जारी की गई जब अचानक ओलंपिक परंपरा के तहत खिलाड़ियों में कंडोम वितरण की न्यूज आई थी. अब आयोजकों का कहना है कि ऐसे बेड की वजह से सेक्स पॉसिबल ही नहीं है.

खिलाड़ियों ने जताया गुस्सा
अपने बेड की तस्वीरें देख कई खिलाड़ियों में रोष है. उनका कहना है कि ये बेड उनका खुद का भार नहीं सह पाएगा. साथ ही बेड का साइज भी काफी छोटा है. उन्हें अगर रात को नींद नहीं आएगी तो वो अच्छे से परफॉर्म नहीं कर पाएंगे. वहीं कुछ खिलाड़ियों ने कहा कि अगर ऐसे बिस्तर पर सुलाना है तो कंडोम क्यों बाट रहे हो?

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