दिसंबर महीने में रविवार से पौष का महीना शुरू हो गया है। इस महीने में प्रकृति में कई बदलाव आते हैं।पंडित कृष्ण कुमार शर्मा के मुताबिक, शास्त्रों में पौष का महीना सूर्य उपासना के लिए सबसे उत्तम माना गया है।

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि पौष माह में श्रीराम कथा तथा श्रीमद्भागवत कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पंचाग के अनुसार, इस महीने तेल, तिल, दाल व काले वस्त्रों का दाल विशेष फलदायी रहेगा।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं। इस महीने में बहुत ज्यादा ठंडक रहती है। सूर्यदेव का इस महीने पर काफी प्रभाव रहता है। इस महीने सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से जातक को ऊर्जा और उत्तम सेहत की प्राप्ति होती है।

यह भी कहा गया है कि भगवान सूर्य का उपासक कठिन से कठिन कार्य में भी सफलता प्राप्त करता और उसके आत्मबल में भी वृद्धि होती है। मान्यता है कि पौष के महीने में सूर्यदेव की नियमित उपासना करने से जातक पूरे वर्ष स्वस्थ और संपन्न रहता है। इस बार पौष महीना 2 जनवरी तक रहेगा।

प्रात:काल उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। तांबे के पात्र में जल, फूल और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें। इस दौरान ॐ आदित्याय नमः का जाप करें। सूर्य पूजा के लिए व्रत करना आवश्यक नहीं है। संभव हो तो पौष माह में नमक का सेवन कम से कम करें।

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