शास्त्रों में ये बात दी गई है जो आपने भी सुनी होगी कि मनुष्यों को अगला जन्म उसके कर्मों के हिसाब से ही मिलता है। हम अपने कर्मों के फल से बच नहीं सकते और हर कर्म का लेखा जोखा होता है। आज हम आपको महर्षि वेद-व्‍यास द्वारा ऋषियों को बताई गई जानकारी देने जा रहे हैं।

जानें किसे भोगना पड़ता है नर्क

वेद-व्‍यास जी के अनुसार जो व्यक्ति पराई औरत से संबंध बनाता है और अपने मां बाप को सताता है उसे नर्क भोगना पड़ता है। इसके बाद एक के बाद एक अलग-अलग योन‍ियों में भटकना पड़ता है।

ये लोग बनते हैं मनुष्‍य

जो व्‍यक्ति सदैव दूसरों की मदद करता है। जरूरतमंदों की मदद करता है और पशु-पक्षी और अन्‍य जीवों पर दया करता है। धार्मिक कार्यों में रूचि रखते हैं और धन के प्रति कभी आसक्ति नहीं दिखाते उन्हें मनुष्य जन्म मिलता है।

ये लोग बनते हैं गधे

महर्षि के अनुसार जो किसी का कत्ल करता है या कोई अपराध करते हैं तो उन्हें अगले जन्म में गधा बनना पड़ता है लेकिन यद‍ि वह जिस शस्‍त्र से हत्‍या करता है उसी से उसकी भी हत्‍या हो जाए तो उसे मृग योन‍ि मिलती है। फिर वह मछली, कुत्ता और बाघ बनता है। इसके बाद उसे मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म मिलता है।

ऐसे कर्म करने वाले बनते हैं भेड़‍िया

जो स्त्रियों का सम्मान नहीं करता है तो वह भेड़‍िए के रूप में जन्‍म लेते हैं। इसके बाद उन्हें कुत्ता,स‍ियार, गिद्ध, सांप, कौआ और बगुला के रूप में जन्म लेना पड़ता है और फिर उन्हें मनुष्य जन्म मिलता है।

ये कर्म करने से बनेंगे कौंच

बड़ा भाई प‍िता तुल्‍य होता है। अगर कोई अपने भाई का अनादर करता है तो अगले बार उसे कौंच नामक पक्षी के रूप में जन्‍म लेना पड़ता है।

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इस कर्म से बनते हैं छछूंदर

वेद-व्‍यासजी के अनुसार व्‍यक्ति वस्‍त्रों की चोरी करता है तो वह अगले जन्‍म में तोता बनता है। वहीं सुगंध‍ित पदार्थों की चोरी करने वाले छछूंदर के रूप में जन्‍म लेता है।

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