मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। मिर्गी के इलाज के लिए आज कई तरह के ऑप्शन्स मौजूद हैं, लेकिन क्योंकि ये दिमाग से जुड़ी समस्या है और स्ट्रेस इस समस्या को और गंभीर बना देता है, तो इस वजह से दिमाग को शांत रखना बेहद जरूरी है डॉक्टर द्वारा बताई गए दवाइयों के सेवन के साथ ही योग को भी अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। तो कौन से योगासन मिर्गी के मरीजों के लिए हो सकते हैं फायदेमंद, आइए जानते हैं इनके बारे में।

उत्तानासन
उत्तानासन सरल और काफी फायदेमंद आसन है। इस आसन को करने से कंधों से लेकर हिप्स और काफ मसल्स की अच्छी-खासी स्ट्रेचिंग हो जाती है। मसल्स की स्ट्रेचिंग से बॉडी की फ्लेक्लिबिलिटी ही नहीं बढ़ती बल्कि स्ट्रेस भी कम होता है। जो मिर्गी का दौरा न पड़े इसके लिए बहुत जरूरी है। जो अपनी क्षमतानुसार जितनी देर कर सकते हैं इस आसन को करें।

हलासन
हलासन के अभ्यास नसों और मसल्स की अकड़न दूर होती है और टेंशन रिलीज होता है। यह नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने का काम करता है जो मिर्गी के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है। शुरुआत में इसे करना थोड़ा कठिन हो सकता है लेकिन लगातार अभ्यास आपको मिर्गी ही नहीं बल्कि और कई समस्याओं में भी फायदा पहुंचाएगा। पेट की चर्बी कम होने के साथ कमर और गर्दन दर्द से भी दिलाता है राहत।


शवासन
शवासन का अभ्यास पूरी तरह से माइंड को रिलैक्स करने का काम करता है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम को शांत करता है। जिससे स्ट्रेस और एंजाइटी की समस्या दूर रहती है क्योंकि ये सबसे बड़ी वजह होती है मिर्गी के दौरे की। इतना ही नहीं इस आसन को करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, नींद न आने की समस्या भी दूर होती है।


बालासन
बालासन भी आसान लेकिन मिर्गी के मरीजों को लिए बेहद फायदेमंद आसान है क्योंकि दिमाग को शांत रखता है और सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की कार्य क्षमता में सुधार करता है। जो मिर्गी में पड़ने वाले दौरों को रोकने में सहायक है।

मत्स्यासन

मत्स्यासन के अभ्यास से मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता सुधार होता है। स्ट्रेस दूर होता है दिमाग शांत और खुश रहता है। अपर बॉडी की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है। मसल्स टेंशन रिलीज होता है। तो मिर्गी के मरीजों को ये आसन भी जरूर करना चाहिए।

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