हस्तरेखा शास्त्र अनुसार हाथ में कई तरह की रेखाएं होती हैं जीवन रेखा, ह्रदय रेखा, विवाह रेखा, सूर्य रेखा, संतान रेखा और इसी तरह एक रेखा भाग्य की भी होती है। भाग्य रेखा अच्छे भविष्य को दर्शाती है। ये रेखा मणिबंध से शुरू होकर तर्जनी या मध्यमा उंगली तक पहुंचती है।

जिन लोगों के हाथ में भाग्य रेखा नहीं होती है उसका मतलब ये नहीं है कि वो भाग्यहीन हैं या उनके जीवन में सुख समृद्धि नहीं होगी। ज्योतिष अनुसार बिना भाग्य रेखा वाले लोगों को बस सफलता पाने के लिए थोड़ी अधिक मेहनत की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों के सफल होने में भाग्य से ज्यादा उनके कर्म का हाथ होता है। इन्हें बिना कठिन परिश्रम के कुछ भी आसानी से हासिल नहीं होता है।

जिनके हाथों में गहरी, स्पष्ट और लंबी रेखा होती है उन्हें भाग्य का काफी साथ मिलता है। ऐसा माना जाता है कि ये लोग कम मेहनत में ही अच्छा मुकाम हासिल कर लेते हैं। इनके पास धन की कभी कमी नहीं होती है।


जिन लोगों के हाथ में भाग्य रेखा होती तो है लेकिन टेढ़ी मेढ़ी होती है उन्हें हर कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन्हें सफलता अमूमन देरी से मिलती है।

जिनके हाथों में भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा से शुरू होती है ऐसे लोगों को 35 वर्ष की आयु के बाद सफलता प्राप्त होने की संभावना रहती है। जिन लोगों की भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर आकर रूक जाए तो इसका मतलब है कि आप गलत निर्णय के कारण परेशानी में पड़ सकते हैं।

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