खगोलीय दृष्टिकोण से ग्रहण एक बेहद सामान्य घटनाक्रम है, परंतु ज्योतिषीय और धार्मिल दृष्टिकोण से देखा जाए तो सूर्य और चंद्रमा पर लगने वाले ग्रहण काफी महत्वपूर्ण हैं। मान्यता अनुसार इस समय सूर्यदेव अर चंद्र देव राहु-केतु के प्रभाव की वजह से पीड़ित होते हैं, इसलिए इसे शुभ काल के तौर पर नहीं देखा जा सकता। आपको बता दें वर्ष 2021 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।

आपको बता दें साल 2021 का सबसे पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को रहने वाला है, यह उत्तरी अमेरिका यूरोप और एशिया में आंशिक, जबकि उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। भारत में भी यह ग्रहण आंशिक रूप से रहने वाला है।

4 दिसंबर,2021 को लगने वाले दूसरे सूर्य ग्रहण का प्रभाव अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में रहेगा। चूंकि भारत में इस सूर्य ग्रहण बिल्कुल नजर नहीं आएगा इसलिए यहां इस ग्रहण का सूतक काल भी मायने नहीं रहने वाला।

26 मई, 2021 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, यह पूर्ण चंद्र ग्रहण की तरह पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में देखा जाएगा। जहां तक भारत की बात है तो यहां यह महज एक उपच्छाया ग्रहण की तरह ही देखा जाएगा।

वर्ष 2021 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण शुक्रवार, 19 नवंबर लगेगाइसे एक आंशिक चंद्र ग्रहण के तौर पर देखा जा रहा है, जो भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जाएगा।

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