इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की हिंदू धर्म में हम महीने होने वाली पूर्णिमा का एक अलग महत्व है, लेकिन गुरु पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन अर्थात् आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आदि गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

दोस्तों आपको बता दे की इस साल गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को पड़ती है। गुरु पूर्णिमा के दिन को शास्त्रों में बहुत पवित्र माना गया है क्योंकि इस दिन गुरु पूजा की जाती है। इस बार गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) को है। दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट के जरिये गुरु पूर्णिमा के कुछ नियमो के बारे में बता रहे है। तो दोस्तों आप भी इन नियमो के बारे में जान लीजिये।


दोस्तों आपको बता दे की गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः जल्दी उठकर घर की सफाई करना चाहिए। स्नान करने के बाद साफ-सुथरे पहन ले। दोस्तों इसके बाद घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर पटिए पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं।

दोस्तों इसके बाद इस मंत्र का जाप करके पूजन का संकल्प लें - 'गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'। दोस्तों यह सब करने के बाद दसों दिशाओं में अक्षत (चावल) छोड़ना चाहिए। फिर व्यासजी, ब्रह्माजी, शुकदेवजी, गोविंद स्वामीजी और शंकराचार्यजी के नाम या मंत्र से पूजा का आवाहन करें। अंत में अपने गुरु अथवा उनके चित्र की पूजा करके उन्हें यथा योग्य दक्षिणा प्रदान करना चाहिए।

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