कुलदेवी या फिर कुलदेवता जिनकी पूजा मांगलिक कार्यों, शुभ कामों में करना शुभ माना जाता है। जैसे विवाह के बाद दुल्हन के घर आने पर कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा अवश्य कराई जाती है या फिर संतान होने पर उसे दर्शन कराए जाते हैं। कुलदेवी को लेकर मान्यता है कि बिना उनकी कृपा के कुल का वंश किसी काम का नहीं रहता है। अधिकतर किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि अगर कुल देवी या देवता रुष्ट हो जाए, तो पूरे कुल के नाश की भी कर सकते हैं। इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते समय कुछ चीजों का जरूर ध्यान रखें।


ऐसे करें स्मरण

शास्त्रों के अनुसार, कुलदेवी और कुलदेवता की कृपा पाने के लिए रोजाना सुबह और शाम को भोग लगाने के साथ उनके नाम का उच्चारण जरूर करें। अगर उनका नाम नहीं याद है, तो जहां पर आपकी कुलदेवी या कुलदेवता स्थित हो वहां का आप नाम ले सकते हैं।

कुलदेवी के बारे में कुछ न पता हो तो

अगर किसी व्यक्ति को अपनी कुलदेवी या देवता के बारे में कुछ भी नहीं पता है, तो उनका ऐसे ही स्मरण करते हुए मां दुर्गा और भैरव महाराज के नाम पर पूजा कर सकता है।


नींबू उतारे

कुलदेवी या देवता की अपार कृपा पाने के लिए उनके स्थान पर जाएं और एक साबुत नींबू के को अपने ऊपर से 21 बार उतार लें। इसके बाद इसके दो भाग करके अलग-अलग दिशा पर फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर पूजा पाठ कर लें।

घी का दीपक

कुलदेवी या देवता की पूजा करते समय शुद्ध घी के साथ धूप और कपूर जलाना चाहिए।

साबुत चावल चढ़ाएं

कुलदेवता को चंदन, अक्षत, सिंदूर आदि जरूर लगाएं। इसके साथ ही हल्दी में लिपटे पीले चावल को भिगोकर अर्पित करना शुभ होता है।

पान के साथ चढ़ाएं ये चीजें

पूजा के समय कुलदेवी या देवता को पान में सुपारी, लौंग, इलायची, दक्षिणा, गुलकंद आदि जरूर चढ़ाएं।

तस्वीर नहीं है, तो करें ये काम

अगर आपके घर में कुलदेवी या देवता की तस्वीर या मूर्ति नहीं है, तो एक सुपारी में अच्छी तरह कलावा लपेट दें। इसे प्रतीकात्मक रूप बांधकर पूजा करें। इससे लाभ मिलेगा।

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