Karwa Chauth 2022: शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री, अनुष्ठान और चंद्र दर्शन का समय
करवा चौथ भारत में विवाहित महिलाओं के लिए सबसे प्रतीक्षित और कीमती हिंदू त्योहारों में से एक है। देश भर में लाखों विवाहित महिलाएं अपने-अपने जीवन साथी के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं, उनकी भलाई, सफलता और खुशी की कामना करती हैं। इस वर्ष, करवा चौथ 2022 का शुभ त्योहार 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक अपने जीवन साथी की समृद्धि, भलाई और खुशी के लिए "निर्जला" (बिना पानी) व्रत रखती हैं।
करवा चौथ के अवसर पर महिलाएं पूरे दिन बिना पानी या भोजन किए गुजरती हैं, और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही उपवास तोड़ती हैं। यह त्योहार उत्तर भारतीय राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में व्यापक रूप से मनाया जाता है।
त्योहार गुरुवार, 13 अक्टूबर को सुबह 1:59 बजे शुरू होगा और शुक्रवार 14 अक्टूबर को सुबह 3:08 बजे समाप्त होगा।
पूजा सामग्री
पूजा करने के लिए आपको निम्नलिखित वस्तुओं की सूची की आवश्यकता होगी: एक दीपक, कपास की बाती, एक तेल का दीपक, घेरा, फूल, मिठाई, रोली, अगरबत्ती, एक मिट्टी का बर्तन, रोल, धूप, सिंदूर, चंदन, हल्दी, शहद, चीनी , दूध, पानी, दही, घी, कपूर।
यह त्यौहार उन लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है जो अपने बेहतर पड़ाव से प्यार करते हैं और उन्हें हर समस्या से बचाना चाहते हैं। करवा चौथ हिंदू महीने अश्विन में दिवाली से नौ दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन, विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं जिन्हें रात के खाने के दौरान परोसा जाता है और पूरी भाजी, आलू टिक्की, टूटी हुई गेहूं की खीर, पूरी, भाजी, बांध आलू, पनीर माखनवाला सहित विवाहित महिलाओं के बीच आदान-प्रदान किया जाता है।