शनि शत्रु नहीं मित्र हैं, जानिए उनसे जुड़ी अनजानी बातें
शनिदेव का नाम सुनते ही यूं तो लोगों को डर या विपदा का आभास होने लगता है लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है। दरअसल, शनि हमारे शत्रु नहीं, बल्कि मित्र हैं।शनिदेव व्यक्ति को उनके कर्मों का फल देते हैं इसलिए इन्हे दण्डनायक भी कहा जाता है। लेकिन आपको बता दें कि शनि सिर्फ दंड नहीं देते हैं बल्कि वो किसी भी इंसान को उसके कर्मों के हिसाब से अच्छा या बुरा फल देते हैं।
अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो निश्चित है आप पर शनि की कृपा बनी रहेगी लेकिन अगर आपके कर्म अनुचित हैं तो शनि आपको इसका फल भी ज़रुर देंगे। अधिकांश लोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए भय के कारण उनकी अराधना करते हैं ताकि उनके जीवन में कुछ बुरा ना हो लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं है। अगर आपने किसी के साथ कुछ अनुचित नहीं किया है तो शनि कभी आपके साथ अनिष्ट नहीं करेंगे।
शनि को सिर्फ देवता ही नहीं, बल्कि ग्रह के रूप में भी पूजा जाता है।
आइए आपको बताते हैं शनिदेव से जुड़ी बातें जिनसे शायद आप परिचित नहीं होंगे।
ये है शनि का परिवार- शनिदेव सूर्य पुत्र हैं। उनकी माता का नाम छाया है। मृत्यु के देव यमराज उनके भाई हैं और यमुना नदी उनकी बहन हैं।
ये है शनि का जन्म स्थान- शनिदेव का जन्मस्थान सौराष्ट्र राज्य के शिंगणापुर को माना जाता है। यहां शनिदेव की पूजा करने से उनके प्रकोप से मुक्ति मिल सकती हैं।
बुरे ग्रहों में नहीं हैं शनि- शनि की गिनती बुरे ग्रहों में नहीं की जाती है वो बिना कारण किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
ये गुण करते हैं शनि को प्रसन्न- शनिदेव मेहनती, सच्चे, ईमानदार और अनुशासित लोगों की सहायता करते हैं। इन गुणों से प्रभावित होकर वो व्यक्ति को शुभ फल देते हैं।
ये है शनि का रंग- शनि देव श्याम वर्ण के हैं अर्थात उनका रंग काला है।
शिव है शनि के गुरु- शनिदेव के गुरू भगवान शिव हैं। भगवान शिव की उपासना करने से ही शनि को सभी शक्तियां प्राप्त हुई थी।
शनि के मित्र- हनुमानजी, भगवान भैरव, बुध और राहु शनि के मित्र कहे जाते हैं। इनकी पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
कर्मों का फल देते हैं शनि- दण्डनायक शनि, न्याय के देव माने जाते हैं। वे किसी भी व्यक्ति को उसके कर्मों का फल ज़रूर देते हैं।
दान है शनि को प्रिय- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले कपड़े, काला तिल और उड़द शनि को प्रिय है। इनका दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
ऐसे कीजिए शनि की पूजा- शनिदेव की पूजा करने के लिए सरसों के तेल से उनका अभिषेक करें। ऐसा करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है।