यूआईडीएआई ने नए आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। वे अधिकतम 6 माह में कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

यूआईडीएआई ने नए आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अगर 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोग आधार के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो उन्हें अधिकतम 6 महीने में कार्ड मिल सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) में नामांकन के बाद व्यक्ति का सत्यापन राष्ट्रीय, राज्य और जिला यानी स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। अब से यह त्रिस्तरीय सत्यापन प्रणाली लागू हो गई है।

दरअसल अब आधार सेवा केंद्र से नामांकन के बाद केंद्र से पहले व्यक्ति का डेटा बेंगलुरु स्थित यूआईडीएआई के डेटा सेंटर तक पहुंच जाएगा। वहां से इसे सत्यापन के लिए राजधानी भेजा जाएगा। इसके बाद इसे राजधानी के संबंधित जिले में भेजा जायेगा. इन तीन स्तरों पर सत्यापन के बाद ही किसी व्यक्ति को आधार कार्ड मिल सकता है। राज्य स्तर और जिला स्तर पर सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

फर्जी आधार कार्ड के कारण हुआ बदलाव!

नई व्यवस्था सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है। 2010-11 में आधार योजना के पहले चरण में, नामांकन के बाद आधार कार्ड बनाने वाले लोगों को निजी एजेंसियों के साथ आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। तब आवेदक द्वारा दी गई मौखिक जानकारी के आधार पर ही पंजीकरण कर दिया जाता था। इनमें से कुछ फर्जी आधार कार्ड बनाए गए थे.

10 साल पुराने आधार को अपडेट कराना होगा

अधिकारियों के मुताबिक, जिनके पास 10 साल या उससे अधिक पुराने आधार कार्ड हैं, उन्हें अपना पता और पहचान अपडेट करना जरूरी है। आधार कार्ड अपडेट की व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जाती है। ऑनलाइन फ्री अपडेट की समय सीमा भी तीन बार बढ़ाई गई है। पिछले महीने यह समयसीमा 14 जून से 14 सितंबर तक तय की गई थी. ऑनलाइन अपडेट में पता और पहचान संबंधी दोनों दस्तावेज अपलोड करना भी अनिवार्य है। इसके बिना अपडेट संभव नहीं है. बायोमेट्रिक डेटा (फिंगर प्रिंट, आईरिस स्कैन या फेस ऑथेंटिकेशन) को ऑफलाइन भी अपडेट किया जा रहा है।

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