अब तक भारत हथियारों और अन्य रक्षा उपकरणों के लिए विदेशों पर निर्भर था। ऐसे में हथियारों की खरीद में भारी पूंजी खर्च करनी पड़ी। हालांकि, अब स्थिति पूरी तरह से बदल रही है। आने वाले समय में भारत दुनिया में रक्षा उपकरणों का प्रमुख निर्यातक बन सकता है और देश की सुरक्षा भी बढ़ सकती है।


भारत ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कई रास्ते खोलकर कारोबारी माहौल में काफी सुधार किया है। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भी भारत ने पांच पायदान का सुधार किया है। दक्षिण अफ्रीका, रूस और स्वीडन की कंपनियां भी भारत में अपने संयंत्र स्थापित करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने की इच्छुक हैं।

इसलिए इसमें कोई शक नहीं है कि विदेशी कंपनियां देश में ज्यादा से ज्यादा निवेश करेंगी। तो देश में ही रोजगार के नए अवसर आएंगे और भारत रक्षा क्षेत्र में अधिक समृद्ध और सुरक्षित बनेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के वडोदरा में C295 प्लांट का उद्घाटन किया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगले दो साल में देश का रक्षा उत्पादन 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो भारत के लिए गर्व की बात है.

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