महाभारत हिन्दू धर्म का एक धार्मिक ग्रथ है, और इससे जुड़े हुए हर कहनी को हम सभी अच्छे से जानते है, लेकिन एक सच्चाई और भी है जिसके बारे में हम आज तक नहीं जानते है, की कलयुग में भी पांचो पांडवों ने जन्म लिया है। तो चलिए जानते है इसे बिस्तार से ,युद्ध के बाद आधी रात के समय अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य ये तीनों पांडवों ने शिविर के पास जाकर भगवान शिव की आराधना की और ध्यान किया। उनकी आराधना से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पांडवों के शिविर में जाने की अनुमति दे दी। भगवान शिव से आज्ञा मिलते ही अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में दाखिल हो गए और उनके बेटों को मार कर वहां से चले गए।

जब पांडवों को इस पूरे घटनाक्रम के बारे में पता चला तो उन्होंने इस पूरी घटना का जिम्मेदार भगवान शिव को माना और उनके पास पहुंच गए। वे भगवान शिव से युद्ध करना चाहते थे। लेकिन जैसे ही सभी पांडव भगवान शिव से युद्ध करने के लिए उनके सामने पहुंचे तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी में समा गए। इसके बाद भगवान शिव ने कहा कि क्योकिं तुम कृष्ण के उपासक हो इसलिए तुम्हे इस जन्म में अपने किए का फल नहीं मिलेगा लेकिन इसका फल तुम्हें कलयुग में फिर से जन्म लेकर भोगना पड़ेगा। ये बात सुनकर पांडव श्री कृष्ण के पास पहुंच गए और सारी बात उन्हें बताई। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि कलयुग में कौनसा पांडव किसके घर जन्म लेगा।


भविष्य पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहां होगा और वो ब्रह्मानन्द नाम से विख्यात होंगे।
कलयुग में युधिष्ठिर वत्सराज नाम के राजा के पुत्र बनेंगे और उनका नाम मलखान होगा। भीम का जन्म वीरणहोगा और वो वनरस नाम के राज्य के राजा बनेंगे। नकुल कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के पुत्र होंगे और उनका नाम लक्षण होगा। कलयुग में सहदेव भीमसिंह नामक राजा के घर में जन्म लेंगे और उनका नाम होगा देवसिंह। धृतराष्ट्र का जन्म अजमेर में पृथ्वीराज के रूप में होगा और द्रौपदी उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी। कलयुग में महादानी कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में होगा।

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