दि कभी-कभी छींक आने लगती है और किसी कारण से नहीं आती है, तो आप सभी ने अपने बड़ों से कहा होगा कि सूरज की ओर देखो ताकि छींक पूरी तरह से निकल सके। क्या होता है जब आप धूप में बाहर जाते ही लगातार छींकते रहते हैं? धूप में निकलने के कुछ सेकेंड बाद ही छींक आने लगती है और कई लोग इसे एलर्जी मानते हैं, मगर इसका मतलब एलर्जी नहीं है। यह फोटिक स्निज रिफ्लेक्स नामक विकार के कारण होता है। इसमें रोशनी को देखकर छींक आने लगती है। कई लोगों को यह विकार होता है और कुछ लोग इससे काफी परेशान हो जाते हैं। आइए अब हम आपको इन दोनों विकारों के बारे में बताते हैं।

फोटिक स्नी रिफ्लक्स - जब कोई व्यक्ति किसी अंधेरी जगह से बाहर आता है और अचानक रोशनी या सूरज में आ जाता है, तो अचानक कई छींकें आने लगती हैं। तेज रोशनी के आते ही आंखों की नसें दिमाग को संकेत देती हैं और प्रतिक्रिया के तौर पर छींकने लगती हैं। लगभग 10 से 35% आबादी इस विकार से पीड़ित है और फोएटिक स्निज़ रिफ्लक्स के लक्षण उन लोगों में विशेष रूप से आम हैं जिनके घर के सदस्यों को यह समस्या है।

ACHOO सिंड्रोम - आपकी जानकारी के लिए बता दे की, धूप में छींकने का दूसरा कारण Achu syndrome हो सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम ऑटोसोमल डोमिनेंट कंपल्सिव हीलियो-ऑप्थाल्मिक आउटबर्स्ट है। सामने आ रहे आंकड़ों के मुताबिक 10 में से करीब दो से तीन लोगों में यह समस्या देखी जा सकती है। वहीं इस रिफ्लेक्स में नासिका मार्ग को सुरक्षा मिलती है और फेफड़े भी संक्रमण के शिकार होने से बचते हैं। वहीं, जब कोई व्यक्ति छींकता है तो डायफ्राम काफी सिकुड़ जाता है। धूप में छींकते समय नर्वस सिस्टम के द्वारा दिमाग तक सिग्नल पहुंचने की प्रक्रिया तेज होने लगती है और इसका असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है और साथ ही कई बार छींक भी आती है। समय।

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