जब भी किसी चीज को चिपकाना होता है तो ग्लू का इस्तेमाल किया जाता है, पर क्या आपने सोचा है कि यह ग्लू बोतल के अंदर ही क्यों नहीं चिपक जाता, यह कोई जादू नहीं बल्कि साइंस है। ग्लू कई तरह के केमिकल से मिलकर बनाया जाता है, इन केमिकल को पॉलिमर्स कहते हैं। ग्लौ में पानी का मात्रा होता है। जो सॉल्वेंट का काम करता है।

जब तक यह सॉल्वेंट लिक्विड फॉर्म में होता है तब तक इससे कुछ भी नहीं चिपक सकता, जब आप ग्लू को किसी पेपर पर रखते हैं तो इसका सॉल्वेंट भाप बनकर उड़ जाता है,जैसे ही पानी भाप बनता है ग्लू सूखकर हार्ड हो जाता है और चिपचिपे और लचीले पॉलिमर ही बचते हैं, जिससे चीजें चिपक जाती हैं।

जबकि ग्लू बोतल के अंदर होता है तो इसमें इतनी हवा नहीं होती कि ग्लू में मौजूद पानी सूखकर उड़ जाए, अगर आप ग्लू के ढक्कन को कुछ देर के लिए खुला रख देते हैं तो यह सूखने लगता है, अगर आप इसे ऐसे ही खुला छोड़ देंगे तो ग्लू पूरा सूख जाएगा।

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