कोरोना धीरे धीरे दुनिया में फैलता जा रहा है। भारत में भी ये अपने पैर फैला रहा है लेकिन इसे तीसरी स्टेज पर जाने से रोकने के लिए सरकार जोरों शोरों से लग गई है। जनता कर्फ्यू उसी का एक परिणाम था और उसी के साथ कई राज्यों में लॉकडाउन भी किया जा चूका है। लेकिन क्या लॉकडाउन करने मात्र से इसके खिलाफ जंग जीती जा सकती है?

WHO की मानें तो कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन ही काफी नहीं है। इसके लिए हमें उन सभी देशों के प्रयासों पर गौर करना होगा जिन्होंने इस वायरस के खिलाफ जंग जीती है।

चीन में जब इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी तो उन्होंने कोरोना संक्रमण को तेजी से टेस्ट करने के लिए किट उपलब्ध करवाई। इस दौरान 3 लाख लोगों का टेस्ट किया गया। अब भी वहां हर रोज करीब 10 हजार लोगों का मुफ्त में टेस्ट हो रहा है।

सिंगापुर में इस वायरस को रोकने के लिए सीसीटीवी की मदद ली गई और उन लोगों को ट्रेस किया गया जो इस से संक्रमित हो सकते थे या संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में थे।

हांगकांग में उन लोगों को भी ट्रेस किया जा रहा है जो किसी संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखे।

अमेरिका के लिए देरी बनी खतरनाक

अमेरिका जैसे बड़े देश इसमें पीछे नजर आए। अमेरिका ने पहले इस वायरस को काफी हलके में लिया और इसके गंभीर परिणाम देखने को मिले। अमेरिका में 22 मार्च तक 15 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं और 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

भारत को करना होगा ये

कोरोना को हराने के लिए जरूरी है कि हर व्यक्ति की जांच की जाए और इनमे से कई उपायों को अपनाया जाए। कोरोना की वैक्सीन आने में अभी लंबा वक्त लगेगा। इसलिए टेस्ट किट के माध्यम से टेस्ट करना जरूरी है।

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